पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू के सबसे बड़े नेता और सीएम नीतीश कुमार और पार्टी के संसदीय बोर्ड प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बीच जंग मची है। वहीं, बीजेपी ने भी नीतीश कुमार के साथ सरकार में सहयोगी आरजेडी को घेर लिया है। बीजेपी ने आरजेडी को घेरने के लिए रामचरितमानस के विवाद का मुद्दा उठाया है। बिहार विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को रामचरितमानस और भगवान राम पर सवाल उठा रहे जेडीयू और आरजेडी नेताओं को आड़े हाथ लिया। सम्राट चौधरी ने रामचरितमानस को देश की आत्मा बताते हुए कहा कि राम तो संविधान में भी हैं और उनके ही आदर्शों पर देश चलता है। उन्होंने कहा कि देश की आत्मा पर सवाल खड़े करने वाले पापी हैं।
सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में आरजेडी पर जातीय उन्माद फैलाने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरजेडी वाले जाति की जंग कराना चाहते हैं। सम्राट ने कहा कि आरजेडी के नेता जानते हैं कि उन्हें आसानी से सत्ता नहीं मिलने वाली। पार्टी के नेता समझ नहीं पा रहे कि लालू यादव की विचारधारा पर चलें कि तेजस्वी यादव की। उन्होंने कहा कि इसी कन्फ्यूजन की वजह से अब रामचरितमानस का मुद्दा उछाला गया है और इसके बारे में अनाप-शनाप कहा जा रहा है। वहीं, बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन के नेता एक बार फिर बिहार को 90 के दशक में वापस ले जाना चाहते हैं। वे जातीय नरसंहार से समाज को डराने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, आरजेडी के नेता और बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने सबसे पहले रामचरितमानस की चौपाइयों को दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के खिलाफ बताया था। फिर ये मसला यूपी में सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने उठा दिया। जिसके बाद लखनऊ में पिछड़ों के एक संगठन ने रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाईं। रामचरितमानस के खिलाफ बयानबाजी के मामले में चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कई जगह केस भी दर्ज हुआ है।