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Politics : राहुल गांधी की सांसदी छीनने में भाजपा ने की जल्दबाजी, कांग्रेस को NDA के सहयोगी PMK ने दिया समर्थन

Politics : राहुल गांधी को उनके भाषण की बड़ी सजा मिली है।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सांसदी छीनना भी गलत है। उन्होंने कहा, ”अदालत को उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए था। मेरे हिसाब से यह गलत फैसला है। इसके अलावा उनका पद छीनना भी गलत है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के सरनेम पर अशोभनीय टिप्पणी करने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल की सजा दिए जाने पर सियासी हंगामा मचा हुआ है। इसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी छीन ली गई। वहीं, तमिलनाडु में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पट्टाली मक्कल काची (PMK) ने रविवार को इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी की सजा उनके भाषण के अनुपात में नहीं है और भाजपा को जल्दबाजी में उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित करने की जल्दबाजी करना जरूरी नहीं था।

आपको बता दें कि तमिलनाडु में बड़े राजनीतिक महत्व की पार्टी पीएमके के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास ने धर्मपुरी में कहा, “हम कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद हमें लगता है कि राहुल गांधी को उनके भाषण की बड़ी सजा मिली है।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सांसदी छीनना भी गलत है। उन्होंने कहा, ”अदालत को उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए था। मेरे हिसाब से यह गलत फैसला है। इसके अलावा उनका पद छीनना भी गलत है। भाजपा इतनी जल्दबाजी से बच सकती थी। उन्हें अपील करने के लिए उन्हें टाइम देना बेहद आवश्यक था।

गौरतलब है कि तमिलनाडु की राजनीति में AIADMK एनडीए गठबंधन का नेतृत्व करती है और उसी में पीएमके प्राथमिक भागीदार है। पार्टी को भाजपा की तुलना में अधिक संख्या में सीटें मिली थीं। इस बीच तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) ने रविवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा राहुल गांधी को अयोग्य ठहराना एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के कार्यों के समान है। उनकी सहयोगी डीएमके, जो तमिलनाडु पर शासन करती है, ने कहा कि तीन दिनों में वे यह सुनिश्चित करेंगे कि राहुल गांधी को बहाल किया जाए। कांग्रेस ने राहुल गांधी की तुलना महात्मा गांधी से करते हुए कहा कि वे सार्वजनिक जीवन में निर्वाचित पद पर नहीं थे लेकिन दुनिया उनकी बात सुनती थी। उन्होंने कहा, ”राहुल ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जो गलत और असत्य हो। मुद्दा यह है कि वे नहीं चाहते कि राहुल गांधी संसद में जाकर भाषण दे सकें। लेकिन राहुल गांधी की सांसदी छीनना सही फैसला नहीं लग रहा।