newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Nitin Gadkari On Caste: ‘…उसके कस के मारूंगा लात!’, जानिए किसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही ये बात?

Nitin Gadkari On Caste: बीते करीब 1 साल से जाति की बात बहुत हो रही है। जातीय जनगणना और जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की मांग कांग्रेस के राहुल गांधी समेत तमाम नेता कर रहे हैं। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो पीडीए का एलान किया है। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के नाम पर अखिलेश यादव सियासी दांव-पेच चल रहे हैं। बिहार के बाद अब तेलंगाना में भी सरकार जातीय सर्वे करा रही है। ऐसे में नितिन गडकरी का ये बयान आया है।

नागपुर। बीते करीब 1 साल से जाति की बात बहुत हो रही है। जातीय जनगणना और जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की मांग कांग्रेस के राहुल गांधी समेत तमाम नेता कर रहे हैं। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो पीडीए का एलान किया है। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के नाम पर अखिलेश यादव सियासी दांव-पेच चल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जाति की बात कहने वालों के लिए बड़ा बयान दिया है। नितिन गडकरी अपने बयानों के लिए पहले भी चर्चा में रहे हैं। इस बार जाति की राजनीति करने वालों को उन्होंने जो कहा है, उसे लेकर बखेड़ा भी खड़ा हो सकता है। हालांकि, नितिन गडकरी ने कहा है कि उनको इस बात की चिंता नहीं है।

नागपुर के एक कार्यक्रम को नितिन गडकरी ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं होती। बल्कि उसके गुणों से होती है। इसलिए हम जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। नितिन गडकरी ने कहा कि वो राजनीति में हैं और यहां ये सब चलता रहता है, लेकिन वो उपरोक्त मसलों को दरकिनार करते हैं। गडकरी ने कहा कि भले ही इससे मुझे वोट मिलें या न मिलें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बहुत से लोग मुझसे जाति के आधार पर मिलने आते हैं। मैंने 50,000 लोगों से कहा कि ‘जो करेगा जाति की बात,  उसके कस के मारूंगा लात।’ नितिन गडकरी ने कहा कि मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि ऐसा कहकर मैंने खुद को नुकसान पहुंचाया होगा, लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने सिद्धांत पर कायम रहेंगे और चुनाव हारने से कोई अपनी जान नहीं गंवाता।

जाति की राजनीति के बीच नितिन गडकरी के लात मारने वाली बात भले ही तमाम लोगों को न पचे, लेकिन पिछले काफी वक्त से इसी की राजनीति देखने को मिल रही है। बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के साथ रहते सीएम नीतीश कुमार ने जातीय सर्वे कराया था। वहीं, तेलंगाना की कांग्रेस सरकार भी जातीय सर्वे करा रही है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को मुस्लिम आरक्षण और ओबीसी में मुस्लिमों को रखने पर विपक्षी बीजेपी और जेडीएस ने घेर रखा है। वहीं, राहुल गांधी संसद में एलान कर चुके हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा।