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Politics: PM मोदी और शाह ने चले दो ट्रंप कार्ड, इन अहम चुनावों में विपक्ष को पटकनी देने की तैयारी कर रही बीजेपी

दिल्ली की सियासी गलियों में हमेशा एक बात के लिए बीजेपी की तारीफ होती रहती है। तारीफ इस बात की कि बीजेपी हमेशा चुनावी मोड में रहती है। हर एक चुनाव के बाद वो दूसरे चुनाव को जीतने के लिए अपना सारा जोर लगाती है। इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है, ये बुधवार को बीजेपी नेतृत्व की ओर से उठाए गए कुछ कदमों से सामने आ गया है।

नई दिल्ली। दिल्ली की सियासी गलियों में हमेशा एक बात के लिए बीजेपी की तारीफ होती रहती है। तारीफ इस बात की कि बीजेपी हमेशा चुनावी मोड में रहती है। हर एक चुनाव के बाद वो दूसरे चुनाव को जीतने के लिए अपना सारा जोर लगाती है। इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है, ये बुधवार को बीजेपी नेतृत्व की ओर से उठाए गए कुछ कदमों से सामने आ गया है। बीजेपी ने बुधवार को यूपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल को तेलंगाना और बंगाल के लिए केंद्रीय नेतृत्व में महामंत्री बनाया गया है। बंसल की पहचान यूपी में बीजेपी को दोबारा सत्ता तक पहुंचाने के लिए सटीक रणनीति तैयार करने वाले नेता के तौर पर है। बंसल की रणनीति से ही बीजेपी यूपी में बदहाल स्थिति से सत्ता में लगातार दो बार तो पहुंची ही, लोकसभा चुनाव में भी उसने विपक्ष को जमीन पर पटक दिया।

sunil bansal bjp

अब अगले साल तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हैं। यहां की जिम्मेदारी बंसल को सौंपी गई है। बंसल अब टीआरएस की सरकार उखाड़ फेंकने के लिए रणनीति तय करेंगे। यूपी में उनके कामकाज को देखते हुए इसे बीजेपी का ट्रंप कार्ड माना जा रहा है। बंसल दरअसल संगठन को मजबूत करने पर हमेशा जोर देते हैं। बूथ स्तर तक कार्यकर्ता और प्रभारी तैयार करने की शुरुआत उन्हीं ने बीजेपी में शुरू की और उसे यूपी में शीर्ष पर पहुंचा दिया। अब सबकी नजर ये है कि बंसल नाम के इस बीजेपी के ट्रंप कार्ड से तेलंगाना में पार्टी को कितना फायदा होता है। साथ ही बंसल को बंगाल का जिम्मा भी दिया गया है। यहां पिछले साल विधानसभा चुनाव में बीजेपी 3 से बढ़कर 77 सीटों पर पहुंच गई। यहां भी ममता बनर्जी की काट खोजने की कोशिश बंसल करेंगे।

swatantra dev singh and keshav prasad maurya

अब बात फिर यूपी की कर लेते हैं। यहां बुधवार को बीजेपी नेतृत्व ने एक और कार्ड चला। पार्टी ने विधान परिषद में नेता सदन पद से योगी सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को हटाकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ये जिम्मेदारी दी। बता दें कि केशव और स्वतंत्र देव दोनों ही पिछड़ी जाति के हैं, लेकिन केशव मौर्य को जिम्मेदारी देने का साफ मतलब है कि वो अब तमाम तरह की रणनीति बनाने का काम भी करेंगे। स्वतंत्र देव पहले ही यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनकी जगह पार्टी जल्दी ही नया अध्यक्ष बनाने जा रही है। सबकुछ 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए किए जाने की बात सूत्र कह रहे हैं। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बीजेपी पिछली बार की तरह अधिकतम सीटें जीतने की तैयारी में जुटी है। इसबार विधानसभा चुनाव में सपा को काफी सीटें मिलीं। इससे बीजेपी के कान खड़े हुए और उसने केशव को आगे कर यहां भी जीतने के लिए कार्ड चल दिया है। बंसल और केशव अब बीजेपी को उसकी उम्मीदें कितनी पूरी करा पाते हैं, इस पर सबकी नजरें हैं।