लखनऊ। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव कराया जाना है। इन 10 सीटों में से सीसामऊ की सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को मिली सजा के कारण खाली हुई है। बाकी 9 सीटों पर जो विधायक 2022 में चुने गए थे, वे इस साल हुए लोकसभा का चुनाव जीते हैं। यूपी की इन 10 विधानसभा सीट के उपचुनाव के एलान से पहले ही सूबे की राजनीति गर्माई हुई है। यूपी की इन 10 सीटों के उपचुनाव सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी के लिए भी इज्जत का सवाल हैं।
यूपी में मैनपुरी जिले की करहल, कानपुर की सीसामऊ, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर जिले की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर की मझवां और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर उपचुनाव होने हैं। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इनमें से 5 सीट समाजवादी पार्टी ने जीती थी। वहीं, समाजवादी पार्टी के साथ तब रही आरएलडी ने 1, बीजेपी ने 3 और निषाद पार्टी ने 1 सीट जीती थी। सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने उपचुनाव में 9 सीटों पर प्रत्याशी उतारने और 1 सीट आरएलडी को देने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि दूसरी सहयोगी निषाद पार्टी को बीजेपी सीट नहीं देने जा रही है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने 6 सीट पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। अब वो सहयोगी कांग्रेस को बाकी 4 सीट देती है या नहीं, ये पता चलना बाकी है। अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन न हुआ, तो सभी 10 विधानसभा सीट पर बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। इसकी वजह ये भी है कि कुछ सीट पर सांसद चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी भी उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। बीएसपी भी इन उपचुनाव में हिस्सा ले सकती है।
यूपी में 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव जीतने के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी पूरा दमखम लगाने जा रही हैं। इसकी वजह ये है कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यूपी में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 37 सीट पर जीत हासिल की थी। जबकि, इससे पहले समाजवादी पार्टी के सिर्फ 5 सांसद ही चुने गए थे। जबकि, बीजेपी को लोकसभा चुनाव में यूपी की 33 सीट पर ही जीत मिली थी। जबकि, 2019 में बीजेपी ने यूपी की 62 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था। समाजवादी पार्टी ने फैजाबाद-अयोध्या की लोकसभा सीट भी जीत ली। राम मंदिर बनने के बावजूद इस सीट को गंवाने से निश्चित तौर पर बीजेपी को झटका लगा। अब समाजवादी पार्टी जहां उपचुनाव में भी ज्यादातर सीट जीतकर ये साबित करने की कोशिश करेगी कि यूपी में जनता अब बीजेपी के खिलाफ है। वहीं, बीजेपी का इरादा ज्यादा सीट हासिल कर समाजवादी पार्टी को झटका देने का रहेगा।