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BJP: कभी दो सांसदों वाली पार्टी थी बीजेपी, आज बज रहा है चौतरफा डंका, जानें कैसे शुरू हुआ था सफर

ध्यान रहे कि 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें से चार राज्यों में बीजेपी की सरकार बन चुकी है। इन राज्यों में जहां बीजेपी ने जीत का परचम लहाराया था, तो वहीं कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। वहीं कर्नाटक में साल के मध्य में तो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में साल के अंत में चुनाव होने हैं।

नई दिल्ली। किसने सोचा था कि दो सांसदों वाली पार्टी कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। किसने सोचा था कि संसद से नागण्य हो चुकी पार्टी का किसी दिन लोकतंत्र के मंदिर में दबदबा होगा। किसने सोचा था कि हर चुनाव में मुंह की खाने वाली पार्टी किसी दिन हर चुनाव जीत का परचम लहराएगी। उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि हम किसकी बात करने जा पा रहे हैं। दरअसल, हम बात करने जा रहे हैं भारतीय जनता पार्टी की। 1980 में बनी पार्टी कभी दो सांसदों वाली पार्टी थी। जिस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हम दो और हमारो दो जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर तंज भी कसा था, लेकिन आज यह देश की विशाल पार्टी बन चुकी है। आज इसकी फलवंत शाखाओं को देखकर हर कोई इसकी छात्रछात्रा में विश्राम करने को लालायित है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका सफर कैसा रहा है। आखिर1980 में बनी इस पार्टी ने अपनी यात्रा के दौरान किन-किन प्रसंगों से होकर गुजरना पड़ा। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

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1984 में बीजेपी पहली बार सियासी दंगल में कूदी थी, लेकिन उसे कांग्रेस के हाथों में मुंह की खानी पड़ी थी। कांग्रेस ने उस वक्त 404 सीटों पर जीत का पताका फहराया था और इस तरह से बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था। बेशक बीजेपी को चुनावी दंगल में हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन अपने अंतर्मन में पार्टी ने हारी नहीं मानी थी। शायद पार्टी के प्रणेताओं ने निश्चय कर लिया था कि एक दिन हमें इस देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना है। 1984 के बाद के बाद हुए सभी चुनावों में पार्टी को पराजित ही होना पड़ा था, लेकिन 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनें, लेकिन विश्वास मत हासिल नहीं हो पाने की वजह से यह सरकार महज 13 माह ही चली और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को इस्तीफा देना पड़ा।

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इसके बाद करगिल युद्ध के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल रही। इसके बाद भारतीय राजनीति में कई बड़ी घटनाएं घटीं, लेकिन अफसोस इसका बीजेपी को सियासी मोर्चे पर कोई फायदा नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद एक चेहरा उभरकर सामने आया है। बीजेपी के प्रणेताओं को लगा कि यह शख्स पार्टी की नईया पार कर सकता है और उस शख्स का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। इससे पूर्व नरेंद्र मोदी दो दशकों तक गुजरात के सीएम रहे। इनके ओजस्वी व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इन्हें अहम स्थान दिया। 2014 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया। वहीं संप्रग सरकार के भ्रष्टाचार आजीज हुई जनता बीजेपी में एक उम्मीद की किरण दिखी और यह इसी उम्मीद का कारण है कि आज बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। आइए, आगे जानते हैं कि मोदी युग के बाद पार्टी में क्या बड़े परिवर्तन हुए है।

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मोदी युग के बाद आज बीजेपी की 16 राज्यों में सरकार है। इन राज्यों में 49 फीसद जनता रहती है। हिमाचल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। तीन राज्यों में कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा है। बता दें कि 2014 से पहले मह सात राज्यों में, वो भी गठबंधन के साथ, बीजेपी की सरकार थी। जिसमें से पांच राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री थें। वहीं, पंजाब और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इनके सहयोगी दलों की सरकार थी। बाकी पांच राज्यों छत्तसीगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा के मुख्यमंत्री थे। इन राज्यों में देश की 19 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है। वहीं 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो 14 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी। वहीं, साल 2018 में बीजेपी चौतरफा बल्ले-बल्ले हुई । 2014 में बीजेपी की महज सात राज्यों में सरकार थी, जो कि 2018 में बढ़कर 18 राज्यों में हो गई। इन राज्यों में 71 फीसद आबादी रहती है। अब सवाल यह है कि अब आगामी दिनों में पार्टी की स्थिति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलते हैं।

ध्यान रहे कि 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें से चार राज्यों में बीजेपी की सरकार बन चुकी है। इन राज्यों में जहां बीजेपी ने जीत का परचम लहाराया था, तो वहीं कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। वहीं कर्नाटक में साल के मध्य में तो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में साल के अंत में चुनाव होने हैं। अभी कर्नाटक, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। ध्यान रहे कि 2024 में लोकसभा के साथ सात राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इनमें सिक्किम, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड शामिल हैं। ध्यान रहे कि अभी हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है। अब आगामी दिनों में इन राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन कैसा रहता है और कांग्रेस अपनी दुर्गति से कैसे निपटती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

ध्यान रहे कि वर्तमान में जिस तरह से कांग्रेस की स्थिति रही है, उसे देखकर यह कह पाना मुश्किल है कि वो आगामी सियासी दंगल में बीजेपी को चैलेंस देने में सफल रहेगी। हालांकि, राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी के विरोध में सियासी माहौल पैदा किया था, उस पर मोदी सरने मामले में हुई दो साल की राहुल गांधी की जेल ने पानी फेर दिया है। उधर, बीजेपी ने आगामी लोकसभा चनाव से पूर्व कांग्रेस फाइल्स निकालकर संप्रग सरकार द्वारा किए गए काले कारनामों का उजागर किया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पार्टी की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं।