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Brahmos Missile: यूपी की राजधानी लखनऊ में बनेंगी ब्रह्मोस मिसाइलें, तेजी से तैयार हो रही फैक्टरी, हजारों को मिलेगा रोजगार

ब्रह्मोस एयरोस्पेस का इरादा लखनऊ स्थित फैक्टरी से हर साल 80 से 100 मिसाइलें बनाने का है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने देश में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण का एलान किया था। इनमें से एक यूपी और दूसरा तमिलनाडु में है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश यानी यूपी की राजधानी के बारे में कहा जाता है कि मुस्कुराइए, आप लखनऊ में हैं। अब लखनऊ देश की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाने जा रही है। लखनऊ के सरोजनीनगर इलाके में 200 एकड़ में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने वाली फैक्टरी लगाई जा रही है। रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने इस प्रोजेक्ट को यूपी की राजधानी में लगाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई थी। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया से ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल डी. राणे ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। यहां से पहली ब्रह्मोस मिसाइल 2024 के मध्य में बनकर तैयार होगी।

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अखबार ने अपनी खबर में बताया है कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस का इरादा लखनऊ स्थित फैक्टरी से हर साल 80 से 100 मिसाइलें बनाने का है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने देश में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण का एलान किया था। इनमें से एक यूपी और दूसरा तमिलनाडु में है। इन डिफेंस कॉरिडोर में सेना और वायुसेना के लिए विमान और हथियार बनाने वाली कंपनियों को जगह दी जा रही है। ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए लखनऊ को रक्षा मंत्रालय ने चुना था। ये भारत और रूस की संयुक्त निर्माण वाली मिसाइल है।

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अखबार से ब्रह्मोस के सीईओ और एमडी अतुल राणे ने कहा कि लखनऊ स्थित फैक्टरी से कितनी मिसाइलें बनकर निकलेंगी, ये ऑर्डर पर निर्भर करता है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने पुराने वर्जन की मिसाइल के अलावा ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल बनाने का फैसला भी किया है। ये न्यू जेनरेशन की और अति उन्नत मिसाइल होगी। ब्रह्मोस-एनजी को अगले 5-7 साल में बनाने का लक्ष्य है। लखनऊ स्थित ब्रह्मोस प्रोजेक्ट में 500 इंजीनियर और तकनीशियन रखे जाएंगे। इसके अलावा 5000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेगा। रक्षा मंत्रालय जिस तरह से आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है, उससे अलग-अलग प्लांट के जरिए 10000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।