
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने धरना खत्म भले कर दिया हो, लेकिन इस मामले का समाधान इतना आसान नहीं दिख रहा है। खबर ये है कि पहलवानों की तरफ से यौन शोषण और तमाम अन्य आरोप लगाए जाने के मामले में बृजभूषण शरण सिंह भी कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। बृजभूषण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का एलान किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे टाल दिया। अब खबर ये है कि बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या में बैठकर इस मामले में अपने अगले कदम की रणनीति बनाएंगे।
इस बीच, केंद्र सरकार को डब्ल्यूएफआई ने अपना जवाब भी भेज दिया है। सरकार ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न और अन्य आरोपों के मामले में डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे में जवाब तलब किया था। इस मामले की जांच के लिए 7 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी से 4 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गई है। कमेटी में खिलाड़ी और वकील शामिल हैं। जांच में बृजभूषण शरण सिंह को सहयोग करने के लिए कहा गया है। साथ ही जांच के दौरान डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामकाज में भी बृजभूषण शामिल नहीं हो सकेंगे। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है।
वहीं, जांच के लिए कमेटी बनाने के फैसले के बाद पहलवानों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। पहलवान बीते बुधवार से प्रदर्शन कर बृजभूषण शरण सिंह को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे थे। पहलवान विनेश फोगाट ने कल दावा किया था कि बृजभूषण के खिलाफ खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपों से जुड़ा ऑडियो उनके पास है। वहीं, बृजभूषण शरण सिंह ने सभी आरोपों को पहले ही गलत बताया था। बृजभूषण ने कहा था कि अगर यौन उत्पीड़न का एक भी आरोप सही मिला, तो वो इस्तीफा दे देंगे।