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BBC Documentary: देशभर में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर मचे बवाल के बीच ब्रिटिश सांसद का बयान, बताया इसे प्रोपेगेंडा

अब कुछ ही ऐसी बातें किसी और ने नहीं, बल्कि ब्रिटिश सांसद ने हीं हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी भारत में वामपंथी गुटों के नेता इस डॉक्यूमेंट्री को देखने पर उतारू हो चुके हैं। बता दें कि अब डॉक्यूमेंट्री को लेकर एक और ब्रिटिश सांसद ने बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सिर्फ और प्रोपोगेंडा है, जिसमें तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है।

नई दिल्ली। जिस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर जेएनयू, जामिया, दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित देशभर के विश्वविद्यालय में बवाल मचा हुआ है। सरकार के प्रतिबंध के बावजूद भी वामपंथी संगठन डॉक्यूमेंट्री देखने पर इस कदर उतारू हो चुके हैं कि वे शासन के निर्देशों की अवहेलना करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि देश के सभी यूनिवर्सिटीज के वामपंथी छात्र संगठन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान कर चुके हैं। पुलिस-प्रशासन की मनाही के बावजूद भी छात्र डॉक्यूमेंट्री देखने की जिद्द पर अड़ चुके हैं। वहीं आज कुछ ऐसा ही मंजर दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी देखने को मिला। जिसके बाद 24 छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। बता दें कि यूनिवर्सिटी की तरफ से बयान जारी कर स्पष्ट किया जा चुका था कि सरकार द्वारा प्रतिबंध किए जाने के मद्देनजर कैंपस में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी, लेकिन छात्र नहीं माने।

उन्होंने स्क्रीनिंग शुरू की। इससे पहले कुछ ऐसा ही मंजर जेएनयू में भी देखने को मिला था और अब तो कई विश्वविद्यालय आगे आकर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग किए जाने का ऐलान कर चुके हैं। जिसे लेकर देश की राजनीति में भी बवाल जारी है। बता दें कि विपक्षी दल सरकार द्वारा डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित किए जाने का विरोध कर रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसा करके सरकार ने लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात किया है, जबकि बीजेपी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट गोधरा कांड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे चुकी है, तो ऐसी स्थिति में बीबीसी द्वारा तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री सिर्फ प्रोपेगेंडा है।

अब कुछ ऐसा ही बयान किसी और ने नहीं, बल्कि ब्रिटिश सांसद ने दिया। लेकिन, इसके बावजूद भी भारत में वामपंथी गुटों के नेता इस डॉक्यूमेंट्री को देखने पर उतारू हो चुके हैं। बता दें कि अब डॉक्यूमेंट्री को लेकर एक और ब्रिटिश सांसद ने बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सिर्फ प्रोपोगेंडा है, जिसमें तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है और ऐसा करके वैश्विक मंच पर पीएम मोदी की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। बता दें कि इससे पहले भी ब्रिटिश सांसद ने भी डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की थी।

इसके अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को भारत के विरुद्ध प्रोपेगेंडा बताया था। इतना ही नहीं, ब्रिटेन सहित अन्य यूरोपीय देशों में रह रहे कई भारतीय द्वारा उक्त डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की जा रही है। जिसे लेकर भारत में राजनीतिक बयानबाजी जारी है। अब ऐसे में यह पूरा मसला आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।