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संसद में बोले राष्ट्रपति कोविंद, CAA लागू कर सरकार ने बापू की इच्छा पूरी की

राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में आर्टिकल 370, तीन तलाक, नागरिकता कानून, राम जन्मभूमि,  श्यामा प्रसाद मुखर्जी, रेल नेटवर्क और जल मंत्रालय का भी जिक्र किया। बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। 

नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के पारित होने के साथ ही सरकार ने महात्मा गांधी की इच्छा पूरी कर दी है और उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा की। राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे खुशी है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करने से राष्ट्रपिता की इच्छा पूरी हुई है।”

President Ramnath Kovind

कोविंद ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर होने वाले अत्याचारों की भी निंदा की और ‘विश्व समुदाय से इस पर संज्ञान लेने और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।’

राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार यह स्पष्ट करती है कि जो प्रक्रियाएं पहले सभी धर्मों के लोगों के लिए थीं, जिन्होंने भारत में विश्वास किया और भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं, आज भी वही हैं। उन्होंने कहा, “किसी भी पंथ का व्यक्ति इन प्रक्रियाओं को पूरा कर सकता है और भारत का नागरिक बन सकता है। सरकार ने किसी भी क्षेत्र और विशेष रूप से पूर्वोत्तर में शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए कई प्रावधान बनाए हैं।”

राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में आर्टिकल 370, तीन तलाक, नागरिकता कानून, राम जन्मभूमि, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, रेल नेटवर्क और जल मंत्रालय का भी जिक्र किया।

राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण की अहम बातें –

मेरा यह विश्वास है कि आने वाले समय में भी हम सब मिलकर अपने देश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए, हर संभव प्रयास करेंगे और अपने प्रयासों में सफल भी आइए, हम सब मिलकर नए भारत का सपना पूरा करें, हम सब मिलकर नया भारत बनाएं। जय हिंद!

आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम भारत में है। स्टार्ट अप इंडिया अभियान के तहत देश में 27 हज़ार नए स्टार्ट अप्स को मान्यता दी जा चुकी है: राष्ट्रपति कोविन्द

मेरी सरकार, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है: राष्ट्रपति कोविन्द

मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है: राष्ट्रपति कोविन्द

पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है: राष्ट्रपति कोविन्द

विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि- “पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं। उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है।”: राष्ट्रपति कोविन्द

मेरी सरकार के विशेष आग्रह पर सउदी अरब ने हज कोटा में अभूतपूर्व वृद्धि की थी जिस वजह से इस बार रिकार्ड 2 लाख भारतीय मुस्लिमों ने हज में इबादत की। भारत पहला ऐसा देश है जिसमें हज की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और ऑनलाइन की जा चुकी है: राष्ट्रपति कोविन्द

President Ramnath Kovind

त्रिपुरा, मिजोरम, केंद्र सरकार और ब्रू जनजाति के बीच हुए ऐसे ही एक और ऐतिहासिक समझौते से, न सिर्फ दशकों पुरानी समस्या हल हुई है बल्कि इससे ब्रू जनजाति के हजारों लोगों के लिए सुरक्षित जीवन भी सुनिश्चित हुआ है: राष्ट्रपति कोविन्द

पांच दशकों से चली आ रही बोडो समस्या को समाप्त करने के लिए केंद्र और असम सरकार ने हाल ही में बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। इस समझौते से, ऐसी जटिल समस्या, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, उसका समाधान निकला है: राष्ट्रपति कोविन्द

सरकार के प्रयासों की वजह से वर्ष 2022 तक सिक्किम, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड की राजधानियां रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगी: राष्ट्रपति कोविन्द

देश के 112 जिलों को Aspirational District – आकांक्षी जिले का दर्जा देकर इनमें गरीबों के विकास से जुड़ी एक-एक योजना पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है: राष्ट्रपति कोविन्द

आज भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 15 करोड़ घर ऐसे हैं, जहां पाइप से पानी की सप्लाई नहीं होती है। देश के गांवों में, हर घर तक पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेय जल पहुंचे, इसके लिए मेरी सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया है: राष्ट्रपति कोविन्द

पिछले 2 अक्तूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती पर, देश के ग्रामीण इलाकों ने, खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करके, राष्ट्रपिता के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त की है: राष्ट्रपति कोविन्द

President Ramnath Kovind

देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले 40 लाख से ज्यादा लोग, बरसों से इस अपेक्षा में जी रहे थे कि एक दिन उन्हें अपने घर का मालिकाना हक और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा। दिल्ली की 1,700 से अधिक कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की इस अपेक्षा को भी सरकार ने पूरा किया है।

मेरी सरकार ने रिकॉर्ड समय में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण करके, गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर इसे राष्ट्र को समर्पित किया: राष्ट्रपति कोविन्द

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कनेक्टिविटी, सिंचाई, अस्पताल, पर्यटन से जुड़ी योजनाओं एवं IIT, IIM, AIIMS जैसे उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थापना का काम भी तेजी से चल रहा है: राष्ट्रपति कोविन्द

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां मार्च 2018 तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 3,500 घर बनाए गए थे, वहीं दो साल से भी कम समय में 24,000 से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा किया गया है: राष्ट्रपति कोविन्द

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं: राष्ट्रपति कोविन्द

संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है: राष्ट्रपति कोविन्द

मेरी सरकार, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है: राष्ट्रपति कोविन्द

सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है: राष्ट्रपति कोविन्द

मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं। वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है: राष्ट्रपति कोविन्द

सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है: राष्ट्रपति कोविन्द

मुझे प्रसन्नता है कि पिछले 7 महीनों में संसद ने काम करने के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस लोकसभा के पहले सत्र में, सदन द्वारा कार्य निष्पादन, पिछले सात दशकों में एक नया रिकॉर्ड रहा है: राष्ट्रपति कोविन्द

हमारा संविधान, इस संसद से तथा इस सदन में उपस्थित प्रत्येक सदस्य से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उनके लिए आवश्यक कानून बनाने की अपेक्षा भी रखता है: राष्ट्रपति कोविन्द

यह दशक भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दशक में, हमारी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होंगे। मेरी सरकार के प्रयासों से पिछले पाँच वर्षों में इस दशक को भारत का दशक और इस सदी को भारत की सदी बनाने की मजबूत नींव रखी जा चुकी है: राष्ट्रपति कोविन्द

21वीं सदी के तीसरे दशक के प्रारंभ में, संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। मैं पुन: नए वर्ष की शुभकामनाओं के साथ, सभी संसद सदस्यों को इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी होने के लिए बधाई देता हूं: राष्ट्रपति कोविन्द