नई दिल्ली। कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा के कार्यकाल में एक साल और विस्तार दे दिया गया है। कैबिनेट नियुक्ति समिति ने उनके सेवा विस्तार के फैसले पर मंजूरी की मुहर लगाई है। हालांकि, इससे पहले भी गौबा को दो बार कार्यकाल में विस्तार मिल चुका है। ध्यान दें कि कैबिनेट सचिव का पद ब्यूरोक्रेट्स में काफी अहम माना जाता है। कैबिनेट सचिव प्रधानमंत्री और मंत्रियों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का काम करता है।
राजीव गौबा को साल 2019 में कैबिनेट सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले गौबा गृह सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उन्हीं की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था।
The Appointments Committee of the Cabinet (ACC) has approved extension in service to Rajiv Gauba, lAS (JH:82) as Cabinet Secretary for a further period of one year beyond 30.08.2023, in relaxation of AIS (DCRB) Rules, 1958 and Rule 56(d) of the Fundamental Rules.
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— ANI (@ANI) August 3, 2023
कौन हैं राजीव गौबा?
राजीव गौबा का जन्म पंजाब में हुआ था। गौवा ने पटना यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया हुआ है। केंद्र की सेवा में कदम रखने से पहले उन्होंने 15 महीने तक झारखंड के मुख्य सचिव के पद पर काम किया था। वहीं, गौबा ने सिख विरोधी दंगे के दौरान एक युवा अधिकारी के रूप में काम किया था। उनके काम की सराहना आज भी की जाती है।
इसके अलावा उन्होंने आदिवासी बहूल क्षेत्र दुमका जिले में उप-विकास आयुक्त के रूप में भी काम किया था। गौबा ने जिलाधिकारी के रूप में 6 सालों तक काम किया है। बता दें कि 1994 और 1995 में मुजफ्फरपुर तथा साल 1996 में गया में हुए कठिन चुनावों में उल्लेखनीय प्रशंसा दिलाई थी। केंद्र की मोदी सरकार में उन्होंने कई उल्लेखनीय काम किया है, जिसके लिए उन्हें काम किया जाता है।