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CAG Report On Pollution In Delhi : दिल्ली में प्रदूषण संबंधी कैग रिपोर्ट विधानसभा में पेश, जानिए आप सरकार की कौन सी खामियों को किया गया उजागर

CAG Report On Pollution In Delhi : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस रिपोर्ट को सदन के समक्ष रखा। विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली प्रदूषण से बेहाल थी और दूसरी तरफ ऑड ईवन के नाम पर केजरीवाल अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को पैसे बांट रहे थे।

नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आज विधानसभा में पेश की गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस रिपोर्ट को सदन के समक्ष रखा। इस रिपोर्ट में कैग ने दिल्ली की पूर्व सरकार (आम आदमी पार्टी) के द्वारा राजधानी में प्रदूषण को रोकने के विफल प्रयासों उजागर और खामियों को उजागर किया है। विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली प्रदूषण से बेहाल थी और दूसरी तरफ ऑड ईवन के नाम पर केजरीवाल अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को पैसे बांट रहे थे।

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है और इस पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाम लगाई जा सकती है। साथ ही कैग ने पिछली सरकार पर मोनोरेल और लाइट रेल ट्रांजिट तथा इलेक्ट्रॉनिक बसों जैसे प्रदूषण को रोकने वाले विकल्प लागू नहीं करने का भी आरोप लगाया है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी वाहनों के उपयोग को कम करके सार्वजनिक परिवहन के जरिए दिल्ली से प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस प्रयास नहीं किए।

वहीं विधानसभा में सिरसा ने डीटीसी संबंधी कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आप सरकार ने दिल्ली में डीटीसी बसों की संख्या कम कर दी जिससे मजबूरन लोगों को दो पहिया वाहन खरीदने पर मजबूर होना पड़ा। आप सरकार को 1000 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदनी थीं मगर उसका टेंडर रद्द कर दिया गया। पल्यूशन से राहत के लिए 22 करोड़ की लागत से स्मोक टावर आप सरकार ने लगवाया और एक साल में उसमें भी जंग लग गई। इतना हीं नहीं केजरीवाल सरकार ने ऑड ईवन लागू करने के लिए भी 54 करोड़ रुपए खर्च कर दिए।