
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आज विधानसभा में पेश की गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस रिपोर्ट को सदन के समक्ष रखा। इस रिपोर्ट में कैग ने दिल्ली की पूर्व सरकार (आम आदमी पार्टी) के द्वारा राजधानी में प्रदूषण को रोकने के विफल प्रयासों उजागर और खामियों को उजागर किया है। विधानसभा में कैग रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली प्रदूषण से बेहाल थी और दूसरी तरफ ऑड ईवन के नाम पर केजरीवाल अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को पैसे बांट रहे थे।
Watch: Delhi CM Rekha Gupta says, “I present before the House the Performance Audit Report of the Comptroller and Auditor General of India (CAG) on ‘Prevention and Mitigation of Air Pollution in Delhi,’ for the year ending March 31, 2021, related to the Government of the National… pic.twitter.com/pHGCRIUb23
— IANS (@ians_india) April 1, 2025
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है और इस पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाम लगाई जा सकती है। साथ ही कैग ने पिछली सरकार पर मोनोरेल और लाइट रेल ट्रांजिट तथा इलेक्ट्रॉनिक बसों जैसे प्रदूषण को रोकने वाले विकल्प लागू नहीं करने का भी आरोप लगाया है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी वाहनों के उपयोग को कम करके सार्वजनिक परिवहन के जरिए दिल्ली से प्रदूषण को काफी कम किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार ने इस संबंध में कोई ठोस प्रयास नहीं किए।
Delhi: Minister Manjinder Singh Sirsa says, “…If I talk about corruption, they (AAP) built fake smog towers that did not last even a year. They spent Rs 54 crore on the odd-even…” pic.twitter.com/DTkalDGz6U
— IANS (@ians_india) April 1, 2025
वहीं विधानसभा में सिरसा ने डीटीसी संबंधी कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आप सरकार ने दिल्ली में डीटीसी बसों की संख्या कम कर दी जिससे मजबूरन लोगों को दो पहिया वाहन खरीदने पर मजबूर होना पड़ा। आप सरकार को 1000 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदनी थीं मगर उसका टेंडर रद्द कर दिया गया। पल्यूशन से राहत के लिए 22 करोड़ की लागत से स्मोक टावर आप सरकार ने लगवाया और एक साल में उसमें भी जंग लग गई। इतना हीं नहीं केजरीवाल सरकार ने ऑड ईवन लागू करने के लिए भी 54 करोड़ रुपए खर्च कर दिए।