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Narendra Giri Death Case: मौत के पहले महंत को आए थे 35 कॉल, 18 लोगों से हुई थी बात, हरिद्वार से निकला ये बड़ा कनेक्शन

Narendra Giri Death Case: नरेंद्र गिरि की मौत वाले दिन की कॉल भी डिटेल्स सामने आई है, जिससे यह पता चला है कि आखिर मौत के दिन उनकी किन-किन लोगों से बात हुई थी।

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में सीबीआई की जांच का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस जांच के सिलसिले में सीबीआई प्रयागराज पहुंचकर तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है, जिसमें कई तरह के अहम खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच महंत नरेंद्र गिरि की मौत वाले दिन की कॉल भी डिटेल्स सामने आई है, जिससे यह पता चला है कि आखिर मौत के पहले उनकी किन-किन लोगों से बात हुई थी। आपको बताते चले कि मौत के दिन महंत नरेंद्र गिरि के फोन पर कुल 35 कॉल आए थे, जिसमें से उनकी 18 लोगों से बात भी हुई थी, इनमें 2 बिल्डर भी शामिल हैं, खास बात ये है कि कुछ का कनेक्शन हरिद्वार से निकलकर भी सामने आ रहा है। वहीं, पुलिस को जैसे ही महंत के कॉल डिटेल्स की जानकारी प्राप्त हुई, तो पुलिस उन सभी लोगों से पूछताछ में जुट गई, जिनकी महंत से बात हुई थी। पुलिस दो बिल्डर समेत उन सभी 18 लोगों से पूछताछ करने जा रही है, जिनकी महंत नरेंद्र गिरि से बात हुई थी।

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वहीं, जिन लोगों से महंत ने बात नहीं कि थी, पुलिस उन सभी लोगों से भी पूछताछ करने जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि आखिर महंत ने इन लोगों का फोन क्यों नहीं उठाया था। जैसा कि बताया जा रहा है कि मौत वाले दिन महंत बिल्कुल मधुर स्वभाव में थे। वे कहीं से भी तनावग्रस्त नहीं दिख रहे थे, तो आखिर इन लोगों का फोन नहीं उठाने के पीछे की क्या वजह हो सकती है? वहीं, जिन लोगों से बात हुई थी। उनसे आखिर किन मसलों पर बात हुई थी? इन सभी की जांच एजेंसी जुटी हुई है। इसके अलावा सीबीआई इस एंगल से भी जांच कर रही है कि आखिर एक ही दिन में वो भी इतने कम समय में इतने ज्यादा लोगों के फोन महंत नरेंद्र गिरि को क्यों आए? आखिर क्या थी इसके पीछे की वजह? यह तो जांच के बाद ही तय हो पाएगा।

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फिलहाल, सीबीआई इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। इसी जांच के संदर्भ में सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है। वहीं, न्यायिक हिरासत में लिए जा चुके आनंद गिरि से भी पूछताछ का सिलसिला जारी है, लेकिन वो भी कुछ भी बताने की स्थिति नहीं है। वो भी बार-बार यही रट लगाए हुए है कि उसका इस मामले में कोई भी किरदार नहीं है। उसे एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उसके परिवार वालों का भी यही कहना है कि आनंद किसी की हत्या नहीं कर सकता है। उसे सुनियोजित तरीके से फंसाया जा रहा है।

प्रयागराज क्यों पहुंची सीबीआई?

क्या आपके जेहन में यह सवाल पैदा नहीं हुआ कि आखिर सीबीआई की टीम प्रयागराज क्यों पहुंची? बतौर पाठक आप सोच रहे होंगे कि बस ऐसे ही केस के सिलसिले में सीबीआई वहां पहुंची होगी, लेकिन नहीं। ऐसा नहीं है। प्रयागराज पहुंचने का कनेक्शन आनंद गिरि से है, क्योंकि प्रयागराज में हनुमान मंदिर है और इस मंदिर का पुजारी कोई और नहीं, बल्कि खुद आनंद गिरि है। बता दें कि आनंद गिरि ने बचपन से ही महंत नरेंद्र गिरि के सानिध्य में रहकर पूरी शिक्षा प्राप्त की थी। इस तरह उसने नरेंद्र गिरि का पूरा विश्वास जीत लिया था और महंत ने बाद में उसे हनुमान मंदिर का पुजारी बना दिया गया। अब ऐसे में जो कोई भी नेता महंत नरेंद्र गिरि से मिलने आता तो वो आनंद गिरि से जरूर मिलता। इस तरह उसमें सत्ता, नेता और सियासत को लेकर चस्का जगा और उसके अंदर वो भी सब कुछ पाने की लालसा जगने लगी, जो कि आज की तारिख में नरेंद्र गिरि के पास थी।

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यहां एक बात और गौर करने वाली है कि आनंद गिरि की हनुमान मंदिर का पुजारी बनाने के बाद आद्दा तिवारी और संदीप तिवारी से भी प्रगाढ़ दोस्ती हो गई थी। ये तीनों ही किरदार इसलिए अहम हैं, क्योंकि इन तीनों का नाम महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखे सुसाइड नोट में दर्ज है। वहीं, आनंद गिरि का वह दावा भी झूठा निकला जिसमें उन्होंने कहा था कि नरेंद्र गिरि अनपढ़ हैं। महंत के 10वीं कक्षा के प्रमाणपत्र ने उसके दावे को झूठा साबित कर दिया है। इसके अलावा आनंद गिरि और महंत नरेंद्र गिरि का विवाद जगजाहिर है। अब ऐसे में सीबीआई की जांच के बाद अब यह पूरा मामला क्या कुछ रूख अख्तियार करता है।