
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि मुस्लिम या किसी भी धर्म के लोग जिनकी भारत माता में आस्था है वो संघ की शाखा में आ सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग खुद को औरंगजेब का वंशज मानते हैं उनके लिए संघ के दरवाजे बंद हैं। वाराणसी दौरे पर पहुंचे मोहन भागवत रविवार को मलदहिया स्थित लाजपत नगर में संघ कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे जहां उन्होंने यह बात कही। एक संघ कार्यकर्ता ने उनसे सवाल किया था कि क्या वो अपने मुस्लिम पड़ोसी को संघ की शाखा में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर सकता है।
मोहन भागवत ने कहा कि संघ और इसकी शाखा में मत, संप्रदाय, धर्म, जाति, भाषा आदि को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। पंथ, जाति और संप्रदाय आदि की पूजा पद्धतियां भिन्न-भिन्न जरूर हैं, लेकिन सभी की संस्कृति एक है, इसलिए संघ की शाखा में हर वो व्यक्ति जिसके मन में भारत के प्रति आस्था है और जो गर्व से भारत माता की जय कह सकता है वो संघ की शाखा में आ सकता है। भागवत ने कहा कि संघ की शाखा से वही लोग जुड़ते हैं जो भारत माता की दिल से इज्जत करते हैं और जो लोग खुद को औरंगजेब के वंश का मानते हैं ऐसे लोगों को संघ की शाखा में आने की मनाही है।
संघ प्रमुख का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब और उसकी कब्र को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। विहिप और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन महाराष्ट्र के संभाजी नगर में बनी औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले संघ के वरिष्ठ नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा था कि औरंगजेब की कब्र का मुद्दा अनावश्यक उठाया गया है। जिनको श्रद्धा है, वो जाएंगे।