
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर घमासान फिलहाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। देशभर में अलग-अलग जगहों पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग किए जाने को लेकर खूब बवाल देखने को मिला। हैदराबाद से लेकर कोलकाता वाया दिल्ली समेत कई बड़ा विश्वविद्यालयों में सीरीज की स्क्रीनिंग पर विवाद नजर आया। वहीं भारत सरकार ने इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री को पहले रोक लगा चुकी है। इसी बीच डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर लगे बैन को हटाने के लिए मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक जा पहुंचा। जिसको लेकर कानून मंत्री किरेन रिजिजू का आक्रोश दिखा। उन्होंंने इसे कोर्ट के समय की बर्बादी बताया है।
बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर रोक हटाने वाली याचिका पर सोमवार को किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर लिखा, ”इस तरह वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करते हैं। जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए तारीखों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
This is how they waste the precious time of Hon’ble Supreme Court where thousands of common citizens are waiting and seeking dates for Justice. https://t.co/5kouG8Px2K
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 30, 2023
आपको बता दें कि प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का मामला वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में रखा है। इस पर न्यायाधीश डिवाई चंद्रचूड़ ने आगामी 6 जनवरी को सुनवाई की बात कही है। याचिका में बीबीसी डॉक्यूमेट्री से जु़ड़े कई तथ्यों का जिक्र किया गया है। उधर, अब मुख्य न्यायाधीश ने इस पर सुनवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि कोर्ट ने इस पर क्या फैसला सुनाती है। उल्लेखनीय है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगों पर बनाई गई है। जिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन वामपंथी संगठनों की तरफ से लगातार उक्त डॉक्यूमेंट्री की पैरोकारी की जा रही है। लेकिन दक्षिणपंथी गुटों के नेता लगातार इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध कर रहे हैं। बहरहाल, अब इस पूरे मामले में कोर्ट ने हस्तक्षेप कर दिया है, तो ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।