ICMR: कोरोना से बचे तो एक और वायरस है हमला करने को तैयार, ICMR ने चेताया चीन की तरफ से फैल रहा है संक्रमण

ICMR: स्टडी में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इंसानों में क्यूलेक्स मच्छरों का एक्टिव संक्रमण(Active Cases) नहीं पाया। हालांकि 883 मानव सीरम सैंपल में से दो लोगों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी(Anti-Body) मिली है।

Avatar Written by: September 30, 2020 3:57 pm
Virus India

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना(Corona) के कोहराम का नजारा तो देखा ही होगा आपने, लगातार कोरोना के मामले तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं। भारत में भी कोरोना के मामलों की संख्या 62 लाख 25 हजार 764 हो गई है। जिसमें सक्रिय मामलों(Active cases of Corona) की संख्या 9 लाख 40 हजार 441 है। हालांकि इस महामारी से 51 लाख 87 हजार 826 लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस की वजह से पूरे भारत में अबतक 97 हजार 497 लोग ठीक भी हो चुके हैं। बुधवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि, भारत में पिछले 24 घंटे में COVID19 के 80,472 नए मामले सामने आए और 1,179 मौतें हुईं। इन सब हालातों से देश जूझ ही रहा है कि अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की कोरोना के अलावा अब एक और वायरस फैलने का खतरा मंडराने लगा है।  ICMR ने चेतावनी दी है कि कैट क्यू नाम का एक वायरस कोरोना की तरह कोहराम मचा सकता है।

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फिलहाल चीन में तेजी के साथ फैल रहे कैट क्यू वायरस (CQV) ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। आपको बता दें कि ये वायरस आर्थोपोड-जनित विषाणु की श्रेणी में आता है। ये सूअर और क्यूलेक्स मच्छरों में पाया जाता है। इसकी उपस्थिति ज्यादातर चीन और वियतनाम में ज्यादा मिलती है। ICMR का कहना है कि भारत की स्थिति के हिसाब से ये वायरस यहां आसानी से फैल सकता है। कैट क्यू वायरस से शरीर में तेजी से संक्रमण फैल सकता है जिसकी वजह से तेज बुखार, दिमागी बुखार और मेनिनजाइटिस भी हो सकता है।

भारत में इसके फैलाव को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्च में पता चला है कि क्यूलेक्स मच्छरों जैसी प्रजाति भारत में भी फैल रही है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस की प्रतिकृति को समझने के लिए एक स्टडी की है। मॉलिक्यूलर और सेरोलॉजिकल जांच के लिए वैज्ञानिकों ने इंसानो, मच्छरों की तीन प्रजातियों और सूअरों से लिए सैंपल का टेस्ट किया।

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स्टडी में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इंसानों में क्यूलेक्स मच्छरों का एक्टिव संक्रमण नहीं पाया। हालांकि 883 मानव सीरम सैंपल में से दो लोगों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली है। इससे पता चलता है कि ये दोनों लोग कैट क्यू वायरस से पहले संक्रमित हो चुके थे। सैंपल टेस्ट में वैज्ञानिकों ने एडीज एजिप्टी मच्छरों सहित तीनों प्रजातियों में ये वायरस पाया। वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत के कुछ क्षेत्रों में  मच्छर कैट क्यू वायरस फैला सकते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत में सीरम सैंपल की जरूरत होगी जिसकी वजह ज्यादा डेटा पर शोध किया जा सके। इससे भारतीय आबादी में कैट क्यू वायरस के प्रसार को अच्छे से समझा सकेगा।