नई दिल्ली। शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने पांचवीं और अंतिम चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाया है। सीबीआई की तरफ से दाखिल 5वीं चार्जशीट में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल पहले से ही दिल्ली की नई आबकारी नीति में निजीकरण का विचार रखे थे। सीबीआई की चार्जशीट में ये भी कहा गया है कि जब दिल्ली में नई शराब नीति बनाने की शुरुआत हुई, तभी से अरविंद केजरीवाल इसमें शामिल थे।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में ये भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की शराब नीति बनवाने और इसमें बदलाव के लिए आपराधिक साजिश में भी शामिल थे। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि जब सह आरोपी और दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता वाला मंत्रियों का समूह नई शराब नीति बना रही थी, उस वक्त अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी और शराब घोटाला में आरोपी विजय नायर इस मामले में अलग-अलग हितधारकों से संपर्क कर रहा था। इस संपर्क के दौरान प्राइवेट पार्टियों के मतलब की आबकारी नीति बनाने की बात कहकर रिश्वत मांगी जा रही थी।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2021 में नई शराब नीति बनाई थी। इसे लागू करने के बाद दिल्ली के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी ने लेफ्टिनेंट गवर्नर को नोट भेजा था और इसमें आरोप लगाया था कि नई शराब नीति से दिल्ली के खजाने को 500 करोड़ से ज्यादा की चपत लगी। इस आरोप के बाद ही लेफ्टिनेंट गवर्नर ने मामले की जांच सीबीआई को दी थी। इसके बाद ईडी ने भी आबकारी नीति के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत तमाम आरोपी गिरफ्तार किए गए। अरविंद केजरीवाल को भी पहले ईडी ने और उसके बाद बीते दिनों सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। ईडी के हाथ गिरफ्तारी मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वहीं, सीबीआई के हाथ गिरफ्तारी मामले में अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जमानत देता है, तो अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे।