नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षी दलों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है। दिल्ली में सिसोदिया की गिरफ्तारी से लेकर बिहार में लालू यादव के ठिकानों पर हुई सीबीआई की छापेमारी पर विपक्षी दलों का यही कहना है कि सरकार हमें परेशान कर रही है। जहां दिल्ली में नई आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया की गिरफ्तारी को आम आदमी पार्टी के नेता मोदी सरकार की साजिश बता रही है, तो वहीं बिहार में लैंड फॉर जॉब मामले में लालू के ठिकानों पर हुई सीबीआई की छापेमारी को लेकर विपक्षी दलों में सनसनी का माहौल है।
बता दें कि जॉब फॉर लैंड मामले में सीबीआई ने लालू यादव के आवास पर छापेमारी की है, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है। सीबीआई की छापेमारी पर आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कार्रवाई को अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा करके विपक्षी दलों को परेशान कर रही है, लेकिन उन्हें अपनी कोशिशों में कामयाबी नहीं मिलेगी। उधर, सीबीआई की कार्रवाई पर तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जांच एजेंसी की कार्रवाई पर कहा कि यदि आप भाजपा के साथ रहते हैं, तो आप राजा हरिश्चंद्र होंगे। महाराष्ट्र में जब शरद पवार के भतीजे (अजित पवार) बीजेपी में गए तो सारे केस वापस ले लिए गए। जब टीएमसी के मुकुल रॉय कब बीजेपी में, सारे केस वापस ले लिए गए। अगर आप बीजेपी को आईना दिखाएंगे तो यह (छापेमारी) होगी।
If you stay with BJP, you’ll be Raja Harishchandra. In Maharashtra when Sharad Pawar’s nephew (Ajit Pawar) went to BJP, all cases were withdrawn. When TMC’s Mukul Roy when to BJP, all cases were withdrawn. If you show the mirror to BJP, this (raid) will happen: Tejashwi Yadav pic.twitter.com/IIZUMv2dar
— ANI (@ANI) March 6, 2023
इसके अलावा कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सीबीआई की उक्त कार्रवाई की निंदा की है। उधर, राजद कार्यकर्ताओं ने भी सीबीआई की कार्रवाई का विरोध प्रदर्शन किया। उघाड़े बदन कार्यकर्ताओं ने सीबीआई की कार्रवाई की आलोचना की है। जिसकी तस्वीरें भी सामने आई है।
केंद्र सरकार लगातार दावा कर रही है कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ चोट कर रही है, लेकिन यह कार्रवाई आगामी दिनों में कितनी सफल साबित हो पाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। बता दें कि बीते दिनों रविवार को आठ विपक्षी दलों के नेताओं ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में पीएम मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का उपयोग विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ कर रही है। पत्र में यह भी कहा गया जिन विपक्षी दलों के नताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
दरअसल, लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान अभ्यर्थियों को जमीन के बदले रेलवे में नौकरियां दीं थी। सबीआई का दावा है कि इस मामले में लालू के खिलाफ साक्ष्य भी मिले हैं। फिलहाल, मामले की जांच जारी है। आज इसी कड़ी में लालू के ठिकानों पर छापेमारी की भी गई। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है और इससे भी अहम बात यह है कि इस मसले को लेकर हिंदुस्तान की राजनीति की धारा कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।