newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Chandrababu Naidu: गिरफ्तारी के बाद अब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू, जानिए क्या है वजह?

Chandrababu Naidu: इन घटनाक्रमों के जवाब में, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी कर दावा किया कि एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ झूठे आरोप दायर किए गए थे।

नई दिल्ली। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को कथित कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री नायडू को राजमुंद्री सेंट्रल जेल में रखा जाएगा, जिसके चलते जेल परिसर के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। शनिवार, 10 सितंबर को देर रात मेडिकल जांच और उससे पहले लगभग 10 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।

एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी

पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी टीम ने शनिवार, 9 सितंबर को सुबह करीब 6 बजे नंद्याल शहर में आर के फंक्शन हॉल के बाहर गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी तब हुई जब नायडू पूरी सुविधाओं का आनंद लेते हुए अपनी बस के अंदर शांति से आराम कर रहे थे।

टीडीपी की प्रतिक्रिया

इन घटनाक्रमों के जवाब में, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी कर दावा किया कि एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ झूठे आरोप दायर किए गए थे। उनका दावा है कि गिरफ्तारी मनगढ़ंत मामलों पर आधारित है और उन्हें जनता से समर्थन मिला है।

कानूनी कार्यवाही

एन चंद्रबाबू नायडू को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का एसीबी अदालत का फैसला कौशल विकास निगम घोटाले की चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस मामले पर क्षेत्र के राजनीतिक पर्यवेक्षकों की कड़ी नजर है और नायडू की गिरफ्तारी से आंध्र प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।

सुरक्षा उपाय

इस गिरफ्तारी की हाई-प्रोफाइल प्रकृति को देखते हुए, राजमुंदरी सेंट्रल जेल के आसपास धारा 144 लागू करने के साथ सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य किसी भी संभावित कानून और व्यवस्था के मुद्दों को रोकना है जो नायडू की हिरासत पर सार्वजनिक प्रतिक्रियाओं के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों और राजनीतिक विरोधियों दोनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यह आंध्र प्रदेश में चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का केंद्र बिंदु बन गया है, जिसमें विभिन्न दल एक-दूसरे का पक्ष ले रहे हैं और सोशल मीडिया पर बयान दे रहे हैं।