
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपनी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के साथ आज अयोध्या पहुंचे और श्री रामलला के दर्शन किए। मुख्यमंत्री विष्णु देव भगवान श्री राम को चढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ के बेर और सुगन्धित चावल भी लाए। आपको बता दें कि श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान काफी समय छत्तीसगढ़ में भी बिताया था। छत्तीसगढ़ में ही माता शबरी ने भगवान राम को जूठे बेर खिलाए थे।
#WATCH | Uttar Pradesh: Chhattisgarh Chief Minister Vishnu Deo Sai along with his cabinet offers prayers at Hanumangarhi Temple in Ayodhya. pic.twitter.com/qFF1Np2nmT
— ANI (@ANI) July 13, 2024
श्री रामलला के दर्शन करने के बाद सीएम विष्णु देव अपने मंत्रियों के साथ हनुमान गढ़ी भी गए और वहां जाकर राम के परमभक्त बजरंग बली का आशीर्वाद लिया। हनुमान गढ़ी में आरती करने के बाद विष्णु देव सरयू नदी के किनारे पहुंचे और यहां भी उन्होंने पूजा-अर्चना की।
#WATCH उत्तर प्रदेश: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अयोध्या के सरयू घाट पर पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/hWt6sI3o0Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 13, 2024
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भगवान राम के ननिहाल प्रदेश छत्तीसगढ़ से आए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की नगरी है और हम बहुत ही सौभाग्यशाली हैं जो हम भगवान श्रीराम के ननिहाल में रहते हैं। हमने भगवान से छत्तीसगढ़ की खुशहाली और सुख तथा शांति की कामना की है। आपको बता दें अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही हजारों की संख्या में लोग वहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आए दिन वहां वीवीआईपी और गणमान्य नागरिक भी श्रीराम लला का आशीर्वाद लेने जाते हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh: Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai says, “Council of Ministers have come here. We took the blessings of Lord Ram and then offered prayers to Lord Hanuman at Hanumangarhi. We also performed puja at Saryu Ghat…” https://t.co/sQgU2AkPpW pic.twitter.com/d8EK2NWnJy
— ANI (@ANI) July 13, 2024
अभी हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी अयोध्या गई थीं और उन्होंने वहां भगवान के दर्शन कर पूजा अर्चना की थी। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति ने अयोध्या के अन्य दर्शनीय स्थलों का भी दौरा किया था। लोकसभा चुनाव में भी राम मंदिर मुद्दा बहुत ही जोर-शोर के साथ छाया रहा था। दरअसल बीजेपी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का विपक्ष को निमंत्रण दिया था लेकिन विपक्ष ने इसे बीजेपी का कार्यक्रम बताते हुए इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।