नई दिल्ली। आज चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इसके साथ ही यूपी औए अन्य राज्यों के उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया गया है। इसके साथ ही भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव नतीजों और एक्जिट पोल के संबंध में महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वोटों की गिनती सुबह 8.30 बजे से शुरू होती है और पहले राउंड के नतीजे 9 बजे तक मिलते हैं। इसके बाद, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पहला रुझान सुबह 9.30 बजे तक दिखाया जाता है। ऐसे में मीडिया में सुबह 8 बजे या 8.15 बजे कैसे रुझान आ सकते हैं?
#WATCH | Delhi: On Exit Polls, CEC Rajiv Kumar says, “A major distortion is being created due to Exit Polls and expectations set by it. This is a matter of deliberation and introspection for the Press, especially for electronic media. In the last few elections, 2-3 things are… pic.twitter.com/xFZ1tYJnna
— ANI (@ANI) October 15, 2024
राजीव कुमार ने मीडिया और एक्जिट पोल कराने वाली एजेंसियों से पूछा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि एक्जिट पोल के नतीजों को और पहले रुझानों को एक जैसा दिखाने की कोशिश की जाती है? उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब एक्जिट पोल के नतीजे और असल चुनाव परिणाम एक-दूसरे से विपरीत होते हैं, तो इससे जनता के बीच भ्रम और असंतोष पैदा होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया और एक्जिट पोल कराने वाली एजेंसियों से आत्मचिंतन करने की अपील करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराने की होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून के तहत चुनाव आयोग एक्जिट पोल पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकता।
चुनाव आयोग ने सही सवाल उठाया।
एग्जिट पोल और सुबह ही टीवी पर वोटों की गिनती शुरू होने से पहले रुझान बता देने वालों पर सवाल उठाया वह पूरी तरह जायज़ है।
चुनाव आयोग ने पूछा कि जब हरियाणा में काउंटिंग ही लगभग 8.30 सुबह शुरू हुईं तो टीवी पर 8 बजे ट्रेंड कैसे दिखने लगे— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) October 15, 2024
उन्होंने कहा, “हमारे हाथ कानून के दायरे में बंधे हैं।” इसके बावजूद, उन्होंने एजेंसियों से इस विसंगति पर विचार करने और इसे सुधारने की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया। मुख्य चुनाव आयुक्त का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक्जिट पोल के नतीजों पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं और असल चुनाव नतीजों के विपरीत होने पर जनता और राजनीतिक दलों के बीच नाराजगी देखने को मिल रही है।