
नई दिल्ली। चीन ने एक बार फिर दलाई लामा के उत्तराधिकार का मुद्दा उठाते हुए भारत के खिलाफ धमकी भरा अंदाज दिखाया है। भारत में चीन के दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने रविवार को बयान जारी किया कि शिजांग (तिब्बत) से जुड़ा मुद्दा भारत और चीन के रिश्तों में कांटा बन गया है। चीन की प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा कि भारत के लिए शिजांग का मसला एक बोझ है। चीन की प्रवक्ता ने धमकी के लहजे में ये भी लिखा कि शिजांग का कार्ड खेलना निश्चित रूप से अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। चीन की प्रवक्ता ने बयान में लिखा कि ये देखा गया है कि पूर्व अफसरों समेत रणनीति और शैक्षणिक समुदायों के कुछ लोगों ने दलाई लामा के पुनर्जन्म पर अनुचित टिप्पणियां की हैं। उन्होंने इन टिप्पणियों को भारत सरकार के रुख से उलट बताया। चीन का ये बयान दलाई लामा के लद्दाख पहुंचने के एक दिन बाद आया है।
🔹It has been noted some people from strategic and academic communities, including former officials, have made some improper remarks on the reincarnation of Dalai Lama, contrary to Indian government’s public stance.
🔹As professionals in foreign affairs, they should be fully… pic.twitter.com/HlG2IdvW1P— Yu Jing (@ChinaSpox_India) July 13, 2025
भारत में चीन के दूतावास की प्रवक्ता ने अपने बयान में लिखा कि विदेशी मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर टिप्पणी करने वालों को शिजांग के मुद्दों की संवेदनशीलता का पूरा ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकार का मुद्दा चीन का आंतरिक मसला है। इसमें बाहरी ताकत का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन की प्रवक्ता ने बयान में लिखा कि भारत सरकार ने माना है कि शिजांग स्वायत्त क्षेत्र चीन का हिस्सा है। उन्होंने बयान में ये भी लिखा कि भारत ने तिब्बतियों को चीन के खिलाफ राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की अनुमति कभी नहीं दी। चीन की प्रवक्ता ने ये भी दावा किया कि उनके देश की सरकार जातीय अल्पसंखयकों की संस्कृति को संरक्षण देती है।
चीन की तरफ से दलाई लामा के उत्तराधिकार के मसले पर लगातार धमकी भरे अंदाज में बयानबाजी की जा रही है। दरअसल, मोदी सरकार में मंत्री किरेन रिजिजू और अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू 6 जुलाई को दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर उनसे मिले थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट कर दलाई लामा को बधाई संदेश दिया था। दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करने के लिए एक ट्रस्ट बनाने का एलान किया है। वहीं, चीन सरकार ने कहा है कि अगले दलाई लामा को उससे मान्यता लेनी होगी। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ कहा था कि धार्मिक मामलों में सरकार दखल देने के खिलाफ है। इससे चीन का पारा ऊपर हुआ है। नतीजे में भारत में चीन के दूतावास की प्रवक्ता धमकी भरा अंदाज दिखाने पर उतारू हो गईं।