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Rafale-M For India: हिंद महासागर में चीन अब नहीं कर सकेगा दुस्साहस, फ्रांस से नौसेना के लिए 26 राफेल-एम विमान खरीदेगा भारत

फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन ने बयान में कहा है कि भारत में हुए सफल परीक्षण अभियान के बाद राफेल-एम विमान खरीदने का फैसला हुआ है। ये विमान भारत की नौसेना के परिचालन की जरूरतों को पूरा करता है। दसॉ ने कहा है कि राफेल-एम विमान भारत के विमानवाहक पोत की खासियतों के लिए भी पूरी तरह उपयुक्त है।

नई दिल्ली। वायुसेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के बाद अब मोदी सरकार ने फ्रांस से नौसेना के विमानवाहक पोतों आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनाती के लिए 26 राफेल-एम यानी मरीन लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया है। पीएम नरेंद्र मोदी के फ्रांस के 2 दिन के दौरे के बाद राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ ने ये जानकारी दी है। जो 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान भारत खरीदेगा, उनमें से 4 दो सीट वाले ट्रेनर और बाकी सिंगल सीटर होंगे। भारत ने अमेरिकी एफए-18 हॉर्नेट और राफेल के अलावा कुछ अन्य विमानों का परीक्षण नौसेना के लिए किया था। जिसके बाद राफेल-एम को विमानवाहक पोतों पर तैनात करने के लिए बेहतर पाया गया।

अब तक भारत के विमानवाहक पोतों पर रूस में बने लड़ाकू विमान तैनात हैं। फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन ने बयान में कहा है कि भारत में हुए सफल परीक्षण अभियान के बाद राफेल-एम विमान खरीदने का फैसला हुआ है। ये विमान भारत की नौसेना के परिचालन की जरूरतों को पूरा करता है। दसॉ ने कहा है कि राफेल-एम विमान भारत के विमानवाहक पोत की खासियतों के लिए भी पूरी तरह उपयुक्त है। बता दें कि पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से ठीक एक दिन पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद ने नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दी थी। भारत के दोनों विमानवाहक पोतों पर इन विमानों की तैनाती की जाएगी। राफेल-एम विमान आने से भारतीय नौसेना अफ्रीका से लेकर दक्षिण-पूर्व के देशों तक निगरानी कर सकेगी और इससे चीन के लिए हिंद महासागर में कोई भी दुस्साहस करना कठिन होगा।

rafale m 2

भारतीय नौसेना के लिए इन विमानों को भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच समझौते के तहत खरीदा जाएगा। राफेल-एम विमानों की कीमत तय करने के लिए दोनों देशों की सरकारें कमेटी बनाएंगी। माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद दोनों देशों में राफेल-एम पर समझौता होगा और 2025 तक सभी विमान भारत को मिल जाएंगे। इससे पहले वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान 59000 करोड़ में खरीदे गए थे। इन विमानों में मिटियोर और स्कैल्प जैसी मिसाइलों के अलावा कई तरह के बम ले जाए जा सकते हैं।