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China On Arunachal: अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदलने में ड्रैगन ने कर दी बेवकूफी, जानकर हंसने लगेंगे आप

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक चीन ने अरुणाचल के जिन इलाकों के नाम बदले, उनको तिब्बत के कोना, जायु और मेदांग का हिस्सा बताया। चीन की लिस्ट में अरुणाचल के तवांग के आखिरी गांव को भी चीन की जमीन का हिस्सा कहा गया। तवांग के जवाहर नवोदय विद्यालय को भी उसने जियांगझोंग बताया है।

नई दिल्ली। बीते दिनों चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम बदले थे। चीन सरकार के मुखपत्र ‘द ग्लोबल टाइम्स’ ने इसकी खबर दी थी। मुखपत्र के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 2 भूमि क्षेत्र, 2 आवासीय क्षेत्र, 5 पहाड़ और 2 नदियों को नए नाम दिए थे। चीन के नागरिक मंत्रालय की ओर से नए नामों की ये लिस्ट जारी की गई थी। अब खबर ये है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश की जिन दो नदियों के नाम बदले, वो नदियां वहां हैं ही नहीं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक चीन ने नदियों का नाम बदलकर ‘किबुरी ही’ और ‘गेदुओ ही’ दिखाए थे। इन्हें विशिष्ट स्थान भी चीन ने बताए थे, लेकिन ये नदियां अरुणाचल में नहीं बहती हैं। चीन के इस तरह गच्चा खाने की खबर पढ़कर आपको ड्रैगन की बेवकूफी पर हंसी जरूर आ गई होगी।

arunachal map

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक चीन ने अरुणाचल के जिन इलाकों के नाम बदले, उनको तिब्बत के कोना, जायु और मेदांग का हिस्सा बताया। चीन की लिस्ट में अरुणाचल के तवांग के आखिरी गांव को भी चीन की जमीन का हिस्सा कहा गया। तवांग के जवाहर नवोदय विद्यालय को भी उसने जियांगझोंग बताया है। पश्चिम सियांग के टाटो को उसने ददोंग नाम दिया है। चीन ने अरुणाचल के नए नामों की लिस्ट 2 अप्रैल को जारी की थी। इस लिस्ट को चीनी मैंडरिन, तिब्बती और पिनयिन भाषाओं में जारी किया गया था। इससे पहले चीन 2 बार अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदलने वाले लिस्ट भी जारी कर चुका है।

india china lac

चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदले जाने पर भारत सरकार ने पलटकर जवाब दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के दावों को खारिज कर दिया था। बागची ने कहा था कि लिस्ट जारी होने से हकीकत बदलती नहीं है। उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का हिस्सा रहा है और आगे भी रहेगा। भारत के इस जवाब के बाद चीन की तरफ से कुछ नहीं कहा गया।