नई दिल्ली। इंडिया में चीते का दोबारा से पुर्नजन्म हो गया है। 70 साल बाद देश में चीते की दहाड़ सुनने को मिली है। 17 सितंबर यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के जन्मदिन के मौके पर मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया है। इन चीतों को लेने के लिए भारत से एक विशेष बी747 विमान नामीबिया पहुंचा था। बता दें कि इन चीतों को विशेष चीता प्रोजक्ट के तहत भारत लाया गया। सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त करार दे दिया था। आखिरी बार चीतों को छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के वन में 1948 में देखा गया था। वहीं चीतों के भारत में आगमन होने के साथ देश में सियासत भी गर्मा गई। विपक्ष की ओर चीतों को देश में लाने पर सवालिया निशाना भी खड़े किए जा रहे है। इसी बीच पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई। दरअसल ‘The Asian Age’ में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को लेकर बड़ी तादाद में पेड़ काटे गए थे।
मोदी सरकार की छवि धूमिल करने के लिए ऐसे अफवाहें फैलाई गई कि 8 चीतों की रिहाई के लिए लगभग 300 गेस्ट के साथ प्रधानमंत्री के दौरे की व्यवस्था करने के लिए कुनो राष्ट्रीय उद्यान में भारी संख्या में वृक्ष को काटा गया था। मगर इस खबर में कितनी सच्चाई है इसका पता थोड़ी देर में ही लग गया।
A media report in ‘The Asian Age’ claims that a large no of trees were cut in Kuno Wildlife Sanctuary to make arrangements for PM’s visit for the release of 8 Cheetahs #PIBFactcheck
▶️No trees were cut
▶️Lodging arrangements were made at Sesaipura FRH & Tourism Jungle Lodge pic.twitter.com/rNkBhXEkTo— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 23, 2022
बता दें कि चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान लाने और प्रधानमंत्री के उस कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान किसी भी तरह के व्यवस्था में वृक्षों को नहीं काटा गए था। पीआईबी फैक्ट चैक में ये दावा एकदम गलत साबित हुआ। जब अखबार की पड़ताल की गई तो यह खबर महज अफवाह निकली। इसमें जिसमें कोई सच्चाई नहीं थी।
इसके बाद मामले का पूरा फैक्ट चैक हुआ है, जिसमें उस खबर को अविश्नीय करार दे दिया गया। दरअसल, जांच में यह पता चला कि पीएम मोदी समेत सभी मुख्य अतिथियों के रहने की व्यवस्था सेसैपुरा एफआरएच एवं टूरिज्म जंगल लॉज में की गई थी। इसलिए ऐसे सभी दावे गलत हो जाते है।