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The Kerala Story: CM ममता ने किया ‘द केरला स्टोरी’ पर बैन का ऐलान, तो भड़की BJP, कहा- अब हम जाएंगे हाईकोर्ट

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ऐसा फैसला किया गया है, क्योंकि फिल्म में एक विशेष समुदाय के लोगों की छवि नकारात्मक रूप में दर्शाई गई है, जिसे ध्यान में इस पर बैन लगाने का फैसला किया गया है।

नई दिल्ली। ‘द केरला स्टोरी’ को लेकर बवाल मचा हुआ है। जहां कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं, तो वहीं कुछ समर्थन कर रहे हैं। यह फिल्म अब राजनीतिक विमर्श का केंद्र बिंदू बन चुकी है। जहां बीजेपी के नेता फिल्म का खुलकर समर्थन कर रहे हैं, तो कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। जहां बीजेपी शासित राज्य सरकार फिल्म को कर मुक्त कर रही हैं, तो वहीं गैर-बीजेपी शासित राज्यों में फिल्म पर बैन लगाया जा रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल मे द केरला स्टोरी पर बैन लगा दिया गया है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है, क्योंकि फिल्म में एक विशेष समुदाय के लोगों की छवि नकारात्मक रूप में दर्शाई गई है, जिसे ध्यान में इस पर बैन लगाने का फैसला किया गया है।

वहीं ममता द्वारा फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के ऐलान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई है। बीजेपी ने कहा कि हमें ममता से यही उम्मीद थी। ममता सरकार का यह कदम अभिव्यक्ति आजादी पर सीधा–सीधा कुठाराघात है, जिसकी आलोचना की जानी चाहिए। बता दें कि बीजेपी आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर सीएम ममता के इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि पश्चिम बंगाल में केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने का ममता बनर्जी का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। यह नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठाता है। फिल्म पीड़ितों की वास्तविक कहानी है, जिन्होंने जनसांख्यिकीय आक्रमण की भयावहता को सहन किया है और आईएसआईएस के लिए तोप के चारे के रूप में इस्तेमाल किया गया है, जो दुनिया की सबसे बर्बर ताकतों में से एक है।

केरल के एक नहीं बल्कि दो मुख्यमंत्रियों – वी एस अच्युतानंदन, जो एक कम्युनिस्ट थे और ओमन चांडी, एक कांग्रेसी थे, ने इस खतरे को पहचाना है। क्या ममता बनर्जी केरल में लव जिहाद की भयानक घटना के बारे में कैथोलिक बिशप काउंसिल, सिरो मालाबार चर्च, थमारसेरी डायोसिस के कैटेचिस विभाग या केरल उच्च न्यायालय से अधिक जानती हैं, जिन्होंने इस्लामवादियों के बुरे डिजाइन के खिलाफ आवाज उठाई है, मृत्यु और विनाश के खूनी जाल में युवतियों को बहका रहा है? ममता बनर्जी इस प्रतिबंध से किसे खुश करने की कोशिश कर रही हैं? क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के मुसलमान भारतीय संविधान की तुलना में आईएसआईएस से अधिक संबंधित हैं? धिक्कार है इनकी प्रतिगामी राजनीति पर। अकेले कोलकाता के एक दर्जन से अधिक सिनेमा हॉलों में दिखाई जा रही इस फिल्म से बंगाल में कानून-व्यवस्था को कोई खतरा नहीं था। लेकिन अब, इस कुत्ते की सीटी के साथ, इससे भी बदतर की उम्मीद की जा सकती है। हमारी बेटियों की रक्षा करने के बजाय, ममता बनर्जी ने फिर से कट्टरपंथी तत्वों के साथ खड़े होने का विकल्प चुना है।

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वहीं, सीएम ममता द्वारा फिल्म पर बैन लगाने के फैसले के खिलाफ अब बीजेपी ने हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया है। उधर, फिल्म के निर्देशक विपुल शाह ने भी ममता द्वारा फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है। साथ ही उन्होंने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर नाराजगी भी जाहिर की है। उन्होंने इस फैसले को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है और फैसले को वापस लेने की मांग भी की है। वहीं, बीजेपी ने अपने एक बयान में यह भी कहा कि ममता द्वारा फिल्म पर बंगाल में प्रतिबंध लगाने के ऐलान से ज्यादा अचभिंत होने की आवश्यकता नहीं है, उनसे यही उम्मीद की जानी चाहिए। ध्यान रहे कि बीते दिनों कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन में कहा था कि इस फिल्म ने आतंकी साजिश का खुलासा किया है। उधर, कांग्रेस भी फिल्म का विरोध कर रही है। बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह आप लोगों की केरला स्टोरी हो सकती है, लेकिन यह हमारी केरला स्टोरी नहीं है। फिलहाल इस फिल्म को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। आइए, अब जानते हैं कि आखिर इस फिल्म का क्यों विरोध किया जा रहा है।

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दरअसल, इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मुस्लिम हिंदू युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण कराकर उनसे निकाह करते हैं। इसके बाद उन्हें आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए सीरिया भेज देते हैं। जहां उन्हें आतंक का ककहरा सीखाया जाता है और इसके बाद इन्हें देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कराया जाता है। फिल्म निर्देशक का दावा है कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है, जिसका लगातार विरोध किया जा रहा है।