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CM Shivraj: ‘ये डरकर सांप, मेंढक और बंदर…’, विपक्षी दलों की बैठक पर सीएम शिवराज ने कसा तंज

CM Shivraj: गत शुक्रवार को राजधानी पटना में आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में गोलबंदी करने के मकसद से विपक्षी दलों की बैठक आहूत की गई थी, जिसमें रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देकर बैठक में शामिल  के प्रति नीतीश कुमारको पत्र लिखकर असमर्थता जताई थी।

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार के विरोध में माहौल बनाने के मकसद से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक पर बीजेपी नेता व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से भयभीत होकर यह लोग डरकर अब एकजुट होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे अपने बयान में कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता का सैलाब उमड़ पड़ा है, जिससे बचने के लिए सभी लोग अब पेड़ पर चढ़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब भारी बाढ़ आती है, तो लोग पेड़ पर चढ़ जाते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री ने यह बयान गत शुक्रवार को पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते अब लोग बचने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का यह बयान अभी खूब सुर्खियों में है, जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।

बता दें कि गत शुक्रवार को राजधानी पटना में आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में गोलबंदी करने के मकसद से विपक्षी दलों की बैठक आहूत की गई थी, जिसमें रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देकर बैठक में शामिल  के प्रति नीतीश कुमार को पत्र लिखकर असमर्थता जताई थी। इतना ही नहीं, बैठक समाप्त होने के बाद  सीएम केजरीवाल प्रेसवार्ता में शामिल नहीं हुए। इस संदर्भ में जब नीतीश कुमार से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी फ्लाइट का समय हो गया था, जिसकी वजह से उन्हें जाना पड़ गया, लेकिन सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को लेकर आप को समर्थन देने को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया था, जिसे ध्यान में रखते हुए आप संयोजक ने प्रेसवार्ता का बहिष्कार किया।

इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह आागमी दिनों में कांग्रेस के नेतृत्व में बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं, आप और उमर अब्दुल्ला के बीच धारा 370 को लेकर भी बहस देखने को मिली, जिससे स्पष्ट है कि विपक्षी एकजुटता को लेकर सिर फुटव्वल जारी है। अब ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विपक्षी दलों की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।