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Himachal Pradesh: CM सुखविंदर सुक्खू ने अटल टनल पर दिया सोनिया गांधी के नाम का शिलान्यास पत्थर लगाने का आदेश, गरमाई सियासत

28 जून 2010 में 28 जून 2010 को सुरंग के पास धुंडी में टनल के दक्षिण पोर्टल की आधारशीला रखी गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल के नेतृत्त में सोनिया गांधी के नाम का शिलान्यास पत्थर स्थापित किया गया था। लेकिन, साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उक्त टनल के उद्घाटन करने के बाद सोनिया गांधी के नाम के शिलान्यास वाले पत्थर को हटा दिया गया था।

नई दिल्ली। हिमाचल में प्रदेश की कमान सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथों में आते ही अटल टनल को लेकर सुर्खियों का बाजार गुलजार हो गया है। अब मुख्यमंत्री सुक्खू ने अटल टनल पर हटाए गए सोनिया गांधी के नाम के शिलान्यास वाले पत्थर को स्थापित करने का आदेश दे दिया है। दरअसल, बताया जाता है कि साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल का उद्धाटन करने के दौरान बीजेपी के आदेश के बाद अटल टनल में स्थापित सोनिया गांधी के नाम के शिलान्यास के पत्थर को हटा दिया गया था। इस मसले को लेकर जहां कांग्रेस-बीजेपी के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी। तो कांग्रेस ने पुलिस में भी एफआईआर दर्ज कराई थी।

28 जून 2010, सुरंग के पास धुंडी में टनल के दक्षिण पोर्टल की आधारशीला रखी गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल के नेतृत्व में सोनिया गांधी के नाम का शिलान्यास पत्थर स्थापित किया गया था। लेकिन, साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उक्त टनल के उद्घाटन करने के बाद सोनिया गांधी के नाम के शिलान्यास वाले पत्थर को हटा दिया गया था, जिसे लेकर दोनों ही दलों के बीच जुबानी जंग अपने चरम पर पहुंच चकी थी। कांग्रेस ने बाकायद पूरे मसले को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भी लिखा था। लेकिन कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, जिस पर कांग्रेस की तरफ से नाराजगी भी जाहिर की गई थी।

sonia gandhi

उधर, हिमाचल में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद उक्त विवाद एक बार फिर से सुर्खियों में आ चुका है। ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आपको ये भी बता दें कि साल 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रोहतांग दर्रे में रणनीतिक सुरंग बनाने का फैसला किया था। जिसे साल 2020 में पीएम मोदी के कार्यकाल में मूर्त रूप दिया गया था। अब अटल टनल को लेकर एक बार फिर से विवाद पुनर्जीवित हुआ है।