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Committee For Noida Farmers: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के आंदोलनकारी किसानों की मांगों का हल निकालने की तैयारी में सीएम योगी आदित्यनाथ, बनाई 3 सदस्यीय कमेटी

Committee For Noida Farmers: यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसान काफी समय से अपनी मांगों के संबंध में आंदोलन कर रहे हैं। कई बार नोएडा अथॉरिटी के दफ्तर का घेराव भी किसान कर चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों की दिक्कत दूर करने और मांगों पर गौर करने के लिए कमेटी बनाई है।

लखनऊ। यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसान काफी समय से अपनी मांगों के संबंध में आंदोलन कर रहे हैं। कई बार नोएडा अथॉरिटी के दफ्तर का घेराव भी किसान कर चुके हैं। जमीन अधिग्रहण के तरीके और उचित मुआवजे की उनकी मांग है। अब यूपी के इन किसानों का दर्द जानने और उनकी मांगों का हल निकालने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहल की है। सीएम योगी के निर्देश पर 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। ये कमेटी नोएडा में आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात करेगी। कमेटी से 3 महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जिसके बाद योगी सरकार किसानों की मुख्य दिक्कतों को समझकर उनको दूर करने की कोशिश करेगी।

नोएडा के किसानों के मुद्दे उठाकर कई संगठन दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं। ये किसान संगठन अधिग्रहित की गई अपनी जमीनों के एवज में बढ़ा हुआ मुआवजा चाहते हैं। इसके अलावा वे विकसित जमीन देने की मांग भी कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि 10 फीसदी प्लॉट, आबादी का पूरी तरह निस्तारण, बढ़ा हुआ मुआवजा और स्थानीय लोगों को रोजगार की उनकी मांग पूरी की जाए। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने यहां के किसानों की जमीनों का ही अधिग्रहण कर कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। दिल्ली के करीब होने के कारण नोएडा में जमीन की कीमत भी काफी है। उसी अनुपात में किसान मुआवजा चाहते हैं।

किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर बुधवार को भी नोएडा कलेक्ट्रेट का घेराव किया था। किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच यहां नोकझोंक भी हुई थी। किसानों ने नोएडा कलेक्ट्रेट पर 3 घंटे तक धरना भी दिया था। एडीएम को उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। फिर आंदोलनकारी किसानों से नोएडा के डीएम ने बातचीत की थी और 23 फरवरी के बाद नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के सीईओ के साथ किसानों की बैठक का आश्वासन दिया था। जिसके बाद किसान कलेक्ट्रेट से वापस गए थे। इसके बाद ही अब योगी सरकार ने किसानों की समस्या का समाधान करने के वास्ते 3 सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला किया है।