अयोध्या। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अयोध्या को विकसित करने का योगी सरकार का सपना वास्तविकता की शक्ल ले चुका है। इसमें शुक्रवार को एक और अध्याय जुड़ गया। अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने के साथ ही उसे आधुनिकता और विरासत के समावेश से विकसित करने की प्रक्रिया के अंतर्गत ‘नव्य अयोध्या’ परियोजना बेहद सफल हो रही है। इसी परियोजना के अंतर्गत सरयू नदी को सौर व स्वच्छ ऊर्जा नौका परिवहन तथा इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से रोल मॉडल के तौर पर स्थापित करने की दिशा में सीएम योगी ने नए अध्याय की नींव रखी। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दृष्टिगत शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या आए हैं। इस क्रम में उन्होंने उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा विकसित की गई रूफ टॉप माउंटेड सोलर बोट सर्विस का उद्घाटन कर देश में पहली बार इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से गेमचेंजिंग साबित होने वाले इलेक्ट्रिक सोलर टेक्नोलॉजी बेस्ड बोस सर्विस का शुभारंभ किया। उन्होंने इस बोट के परिचालन को लेकर तमाम तकनीकी पहलुओं के निरीक्षण के साथ ही इनलैंड वॉटरवेज के विकास के लिहाज से अयोध्या में हो रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बटन दबाकर बोट संचालन की शुरुआत की तथा सरयू नदी में बोट पर सवार होकर नदी किनारे बने फ्लोटिंग जेटी व फ्लोटिंग बोट चार्जिंग स्टेशन का भी जायजा लिया।
सीएम ने सरयू में बोटिंग कर लिया नौकायन परिवहन की तैयारियों का जायजा
सीएम योगी ने अयोध्या में सरयू घाट पर शुक्रवार को सोलर बोट के संचालन का शुभारंभ करते हुए फीता काटकर व बोट के नेवीगेशन बटन को दबाकर आगाज किया। इस दौरान उन्होंने सरयू नदी में इस बोट के जरिए नौकायन भी किया तथा सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं तथा इनलैंड वॉटरवेज के हिसाब से विकसित की जा रही सुविधाओं का जायजा लेते हुए उनके बारे में जानकारियां प्राप्त कीं। बोट पर राइड के दौरान उन्होंने घाटों पर भारी तादाद में जुटे श्रद्धालुओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया तथा बोट के संचालन से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी भी ली। इस दौरान, सेलिंग जेटी के तौर पर कार्यरत ई-बोट चार्जिंग स्टेशन बनाए गए गंगा-6 को भी देखा तथा इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि यह सेलिंग जेटी 15 दिसंबर से अयोध्या में डेरा डाले हुए है तथा यह 20 बोट्स के बर्थिंग का माध्यम बन सकता है। सेलिंग जेटी पर इलेक्ट्रिक पावर चार्जिंग प्लग प्वॉइंट्स को भी विकसित किया गया है, जिसके जरिए सरयू नदी में चलने वाली ई-बोट्स की चार्जिंग व बर्थिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकेगा। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अमित सिंह चौहान, रामचंद्र यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सीएम योगी ने 127 नाविकों को लाइफ जैकेट भी प्रदान किया। सीएम योगी ने रामभूमि स्वच्छ भूमि अभियान के तहत प्लास्टिक डिपॉजिट रिफंड सेंटर के काउंटर का भी शुभारंभ किया। अयोध्या नगर निगम के साथनिजी क्षेत्र की द कबाड़ीवाला डॉट कॉम कंपनी के साथ यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
देश में पहली बार अपनी तरह के अनूठा प्रयास है सोलर बोट
यूपीनेडा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं। यह बोट पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।
जानते हैं इस बोट की खासियतों के बारे में…
1-यह सोलर पावर इनेबल्ड बोट क्लीन एनर्जी के जरिए संचालन की परिकल्पना के आधार पर कार्य करती है। यह ड्यूअल मोड ऑपरेटिंग बोट है जो 100 प्रतिशत सोलर इलेक्ट्रिक पावर बेस पर काम करती है।
2-इसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने के साथ ही इलेक्ट्रिक एनर्जी के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह बोट कैटामरैन केटेगरी की है जिसके अंतर्गत दो हल स्ट्रक्चर्स को जोड़कर एक बोट स्ट्रक्चर में कन्वर्ट किया जा सकता है।
3-यह बोट फाइबरग्लास बॉडी युक्त है जोकि लाइट वेट व हेवी ऑपरेशन ड्यूरेबल मटीरिल से बनी है। साथ ही, बोट के संचालन के दौरान किसी प्रकार की ध्वनि या पर्यावरणीय प्रदूषण नहीं होता है।
4-इस बोट में एक बार में 2 क्रू मेंबर्स तथा 30 लोग यात्रा कर सकेंगे। यह सरयू नदी में नया घाट से संचालित होगी। इस बोट टूर का ट्रैवलिंग ड्यूरेशन 45 मिनट से लेकर एक घंटे के आसपास रखा जाएगा, जिसमें सरयू नदी के किनारे स्थित विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों व धरोहरों का दर्शन यात्री कर सकेंगे।
5-हालांकि, बोट की ऑपरेटिंग कैपेसिटी इससे कहीं ज्यादा है और पूरी तरह चार्ज होने पर 5 से 6 घंटे तक के प्रोपल्शन टाइमफ्रेम को मैनेज किया जा सकता है।
6-इस बोट को पुणे की सनी बोट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से असेंबल किया गया है जबकि चेन्नई की रा सोर्स प्राइवेट लिमिटेड इसमें सोलर व प्रोपल्शन पार्टनर की भूमिका निभा रहा है।
7-यह बोट 12 किलोवॉट इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड ट्विन मोटर आधारित है। बोट में 46 किलोवॉट प्रति घंटा क्षमता वाली एलएफटी बैटरी लगाई गई है तथा बोट 30 पैसेंजर्स व 2 क्रू के लिहाज से ऑपरेशनल होगी। बोट को 3.3 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल्स के जरिए संचालित किया जा रहा है।
8-बोट की रूफटॉप पर कुल 6 सोलर पैनल लगे हैं जोकि 550 वॉट पॉवर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। क्रूजिंग के लिहाज से इसकी स्पीड 6 नॉट्स रहेगी जबकि यह 9 नॉट्स की टॉप स्पीड को भी प्राप्त कर सकता है।
9-इसके अतिरिक्त, यह बोट रिमोट व्यूइंग कैपेसिटी से लैस है जिसके जरिए बोट के बैटरी व सोलर पैरामीटर्स का निरीक्षण रिमोट व्यूइंग के जरिए कहीं से भी किया जा सकता है।
10-फिलहाल, इस बोट के संचालन के लिए शोर बेस्ड जेटी में मीटर पावर प्लग सोर्स की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें कोलकाता से अयोध्या लाई गई गंगा वीआई-6 सेलिंग जेटी बोट को इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के तौर पर विकसित किया गया है।