
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच उर्दू, अंग्रेजी, भोजपुरी, अवधी भाषाओं को लेकर जोरदार बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अंग्रेजी की जगह उर्दू भाषा को फ्लोर लैंग्वेज करने की मांग उठाई, साथ ही उन्होंने अंग्रेजी थोप जाने का आरोप लगाया। इस पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, समाजवादी अपने बच्चों को तो इंग्लिश मीडियम स्कूल में भेजते हैं और दूसरों के बच्चों को गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने की सलाह देते हैं जहां संसाधन भी नहीं हैं।
#WATCH | विधानसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है और हमारी सरकार इन सभी के लिए अलग-अलग अकादमियां बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है… यह सदन केवल शुद्ध… pic.twitter.com/O4lwESyJVz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2025
योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार इन सभी भाषाओं के लिए अलग-अलग एकेडमी बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है। यह सभी भाषाएं हिंदी की उप भाषाएं यानि हिंदी की बेटियां हैं। हमें इसका स्वागत करना चाहिए कि यह सदन केवल विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों के लिए नहीं है। बल्कि आम जन का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य समाज के विभिन्न तबकों से आए हैं। अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति की आवाज को भी इस सदन में मुखरता मिले। इसके लिए अगर कोई हिंदी में धाराप्रवाह नहीं बोल सकता है, तो उसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज या बुंदेलखंडी भाषा में भी अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए।
सीएम ने कहा, यह कौन सी बात हुई कि कोई भोजपुरी या अवधी ना बोले। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, आप उर्दू की वकालत कर रहे हैं? सीएम बोले, यह तो बहुत विचित्र बात है। समाजवादियों का चरित्र इतना दोहरा हो गया है कि वो अपने बच्चों को तो अंग्रेजी मीडिया वाले पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरों के बच्चों को गांव के सरकारी स्कूल जहां संसाधन भी नहीं हैं वहां पढ़ने की सलाह देंगे। यह इन लोगों का दोहरा आचरण है।