नई दिल्ली। एक तरफ जहां पूरा देश कोरोनावायरस महामारी से जंग लड़ रहा है। दूसरी ओर केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। लेकिन ऐसा बहुत कम बार देखने को मिला है जब सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष का साथ मिला हो। लेकिन ममता सरकार के विरुद्ध अब कांग्रेस ने भाजपा के सुर में सुर मिलाया है। कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को प्रवासियों के मुद्दे पर लिखी गई चिट्ठी में सुर में सुर मिलाए हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘मैंने खुद अमित शाह से बात की थी बंगाल के प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए, दो दिन पहले उनसे बात हुई, उन्होंने कहा कि मैंने बार बार लिस्ट मांगी की कितनी ट्रेन चाहिए लेकिन राज्य सरकार ने लिस्ट नहीं दी। ये पता चला कि बंगाल ने आज 8 ट्रेन का लिस्ट दिया। दबाव में थोड़ा काम हुआ है।’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल और अमित शाह से अपील है कि फंसे मजदूरों को वापस लाने का मिलकर प्रयास करें। अमित शाह ने मुझसे वादा किया था कि बंगाल सरकार से बात करेंगे, उन्होंने किया और दवाव के चलते कुछ काम होने लगा है।’
I got to know today that the state government has asked for 8 trains. I appeal to the state government & Amit Shah ji to work together & make every possible effort to bring back stranded migrant workers of Bengal: Adhir Ranjan Chowdhury, Congress https://t.co/rA15FL8Xn0
— ANI (@ANI) May 9, 2020
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि दूसरे राज्य में मौजूद बंगाल के मजदूर अपने राज्य बंगाल आना चाहते हैं ,लेकिन राज्य सरकार का रवैया ठीक नहीं है। लोगों को अपने यहां लाने में बंगाल सरकार तत्परता नहीं दिखा रही और राज्य में ट्रेनों को प्रवेश करने की मंजूरी नहीं दे रही है। शाह ने कहा, “यह बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है, इससे आगे उनके लिए और मुश्किल होगी।”
उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार दो लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके गृह राज्य लौटने में मदद करने की कोशिश कर रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा है कि जिस तरह दूसरे राज्य प्रवासी मजदूरों को अपने यहां लाने की व्यवस्था कर रही है, पश्चिम बंगाल भी वैसा ही करें।
गौरतलब है कि देश भर से दिहाड़ी मजदूरों को राज्य सरकारों की मदद से अपने अपने गृह जिले भेजे जाने का सिलसिला जारी है। राज्य सरकारें सबंधित राज्य सरकार से समन्वय कर ट्रेनों और अन्य माध्यमों से मजदूरों को घर जाने की व्यवस्था कर रही है।