नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में तमाम मेहनत और लुभावने वादों के बावजूद कांग्रेस को बीजेपी ने पटकनी दे दी है। रुझानों और नतीजों के हिसाब से हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। हरियाणा में आज तक लगातार तीन बार किसी भी पार्टी की सरकार नहीं रही। बीजेपी ने हरियाणा के सियासी इतिहास का ये पन्ना भी लगातार जीत हासिल कर बंद कर दिया है। खास बात ये है कि हरियाणा में कांग्रेस के लिए पहलवानों और बेटियों की अस्मिता और किसानों का मुद्दा भी काम नहीं आया!
हरियाणा के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में तमाम लुभावने वादे किए थे। इनमें किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी, जातिगत सर्वे कराना, बुजुर्गों, विकलांग और पति को गंवा चुकी महिलाओं को हर महीने 6000 रुपए देने का वादा शामिल था। इसके अलावा कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने, 18 से 60 साल की महिलाओं को हर महीने 2000 रुपए देने, हर घर के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 25 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज का वादा भी किया था। एलपीजी सिलेंडर की कीमत 500 रुपए रखने, युवाओं को 2 लाख नौकरी देने और गरीबों को घर बनाने के लिए 100 गज की जमीन और 3.5 लाख रुपए में 2 कमरे का मकान देने का वादा भी हरियाणा की जनता से कांग्रेस ने किया था। ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर भी 8 से 10 लाख करने की बात कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कही थी।
कांग्रेस ने इसके अलावा किसान आंदोलन और विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के आंदोलन को भी हरियाणा में मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने लगातार ये आरोप लगाया कि किसान आंदोलन के दौरान 700 किसानों की जान गई थी। कांग्रेस के तमाम वादे और बीजेपी पर लगाए गए आरोप हरियाणा विधानसभा चुनाव में जनता ने नकार दिए। नतीजे में जिस बीजेपी को पिछली बार 40 सीटें मिली थीं और उसे गठबंधन की सरकार बनानी पड़ी थी, उसे इस बार हरियाणा की जनता ने विधानसभा में स्पष्ट बहुमत दे दिया। कांग्रेस के वादे हरियाणा में न चलने के पीछे ये भी बड़ा कारण हो सकता है कि उसने हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में जो मुफ्त की योजनाओं के वादे कर सरकार बनाई, उसे पूरी तरह अमली जामा नहीं पहना सकी। बीजेपी ने नौकरियों में पर्ची-खर्ची का मुद्दा उठाकर कांग्रेस को घेरा था। इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों में बदहाली का मुद्दा भी बीजेपी ने खूब उठाया। बीजेपी की तरफ से अमित शाह ने ये एलान कर दिया कि हरियाणा जीते, तो किसान सम्मान निधि की रकम 6000 सालाना से बढ़ाकर 10000 रुपए कर देंगे। इसके अलावा हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले वक्फ बोर्ड संबंधी बिल पेश कर उसे संसद के अगले सत्र में पास कराने का मुद्दा भी बीजेपी ने उठा दिया। इससे भी शायद कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा हुई।