newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Congress: “कांग्रेस ने एक लफंडर को पार्टी का महासचिव बना रखा है”, आचार्य प्रमोद के इस बयान से मचा बवाल

Congress: कोई गुरेज नहीं होना चाहिए यह कहने में कि ऐसा हमला तो रणदीप आज तक किसी बीजेपी नेता ने भी नहीं किया होगा, जैसा कि आर्चाय ने किया। अपने इस बयान से उन्होंने सीधे तौर पर पार्टी शीर्ष नेतृत्व को चुनौती दी है, तो क्या अब यह समझ लिया जाए कि राहुल और प्रियंका उनके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन ले सकते हैं।

नई दिल्ली। लगता है कि अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम बीजेपी में जाने का मन बना चुके हैं। जिस तरह से वो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ही पार्टी की कलई देश के सामने को खोल रहे हैं, उससे तो यही मालूम पड़ता है। बता दें कि बीते दिनों जहां उन्होंने कांग्रेस को सवालों के कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी में कुछ लोगों को महज राम मंदिर से ही नहीं, बल्कि भगवान राम से भी नफरत है। इन लोगों को हिंदू और हिंदुत्व से नफरत है। इन लोगों को बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है कि आखिर कोई हिंदू धर्म गुरु कांग्रेस में कैसे है।

उनके इस बयान को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने फौरन लपका लिया, तो आचार्य ने समझदारी दिखाते हुए दो टूक कह दिया कि आप मेरे बयान से राजनीतिक वेदना प्राप्त करने की कोशिश ना करें, लेकिन नहीं, बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है। आचार्य के बयानों से ये तो साफ जाहिर हो रहा है कि उनका मन अब कांग्रेस में लग नहीं रहा है। अब शायद वो बीजेपी में जाने का प्लान बना चुके हैं, लेकिन सवाल यह भी है कि क्या बीजेपी उन्हें पार्टी में जगह देगी, तो जवाब बिल्कुल स्पष्ट है, नहीं देगी, क्योंकि बीजेपी में पहले से ही बाबाओं की भरमार है।

acharya pramod

अब ऐसे में एक और बाबा को लेकर आखिर बीजेपी करेगी क्या और दूसरी बात कांग्रेस में जो अहमियत आचार्य प्रमोद कृष्णम को मिल सकती है, वो शायद बीजेपी में कभी ना मिले। कांग्रेस में तो कम से कम हाईकमान से उनकी डायरेक्ट बातचीत हो जाती है। इतना ही नहीं, राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि वो प्रियंका गांधी के चहेते हैं। उनके राजनीतिक सलाहकार भी हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वो जिस तरह से अपनी ही पार्टी की नीतियों के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं, उससे तो फिलहाल यही जाहिर हो रहा है कि अब उनके कांग्रेस में दिन पूरे चुके हैं।

acharya pramod

वहीं, आज तो उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला को ही लफंडर बता डाला। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के “भाग्य” की विडंबना यही है कि एक ऐसे “लफ़ंडर” को पार्टी का महासचिव बना रखा है जिसने राज्य सभा के चुनाव में “विधायक” रहते हुए भाजपा के उम्मीदवार और Zee न्यूज़ के मालिक सुभाष चंद्रा को जितवाने का “पाप” सिर्फ़ एक “अश्लील” CD के “प्रसारण” को रुकवाने के लिये किया।


कोई गुरेज नहीं होना चाहिए यह कहने में कि ऐसा हमला तो सुरजेवाला पर आज तक किसी बीजेपी नेता ने भी नहीं किया होगा, जैसा कि आचार्य ने किया है। अपने इस बयान से उन्होंने सीधे तौर पर पार्टी शीर्ष नेतृत्व को चुनौती दी है, तो क्या अब यह समझ लिया जाए कि राहुल और प्रियंका उनके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन ले सकते हैं। हालांकि, इसकी संभावना बहुत कम दिखती है, क्योंकि कांग्रेस आर्चाय प्रमोद कृष्णम को एक हिंदूवादी नेता के रूप में स्थापित करना चाहती है। ऐसे में आचार्य के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई हो, इसकी संभावना भी कम ही है, लेकिन जिस तरह की टिप्पणी अब आचार्य ने रणदीप सुरजेवाला पर की है, उससे चौतरफा खलबली मची हुई।

बता दें कि बीते दिनों आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने बयान में कहा था कि पार्टी में कुछ ऐसे नेता हैं, जिन्हें राम मंदिर से ज्यादा भगवान राम से नफरत है, जिस पर मध्य प्रदेश में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करने के क्रम में रणदीप सुरजेवाला ने आचार्य महत्वहीन बताया था, जिस पर आर्चाय प्रमोद कृष्णण भड़क गए और उन्होंने इस तरह की कठोर टिप्पणी की, जिसके अब बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।