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VVIP विमान पर राहुल ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, लेकिन फैक्ट्स से खुल गई कांग्रेस की पोल

Boeing 777 Aircraft : लेकिन बी 777 विमान को लेकर मोदी सरकार पर हमला करने वाले कांग्रेस नेता का झूठ आखिरकार सबके सामने आ ही गया है। सूत्रों के मुताबिक, यूपीए सरकार के तहत लगभग एक दशक पहले इन विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। इस बार राहुल गांधी ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए विशेष रूप से निर्मित बी 777 विमान को लेकर हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंजाब के नूरपुर में कहा, ”एक तरफ, पीएम मोदी ने 8000 करोड़ रुपये के दो विमान खरीदे हैं। दूसरी ओर, चीन हमारी सीमाओं पर है और हमारे सुरक्षा बल हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए भारी ठंड का सामना कर रहे हैं।’

rahul gandhi

लेकिन बी 777 विमान को लेकर मोदी सरकार पर हमला करने वाले कांग्रेस नेता का झूठ आखिरकार सबके सामने आ ही गया है। सूत्रों के मुताबिक, यूपीए सरकार के तहत लगभग एक दशक पहले इन विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई थी। मोदी सरकार के समय ये प्रक्रिया फाइनल हुई। ये विमान भारतीय वायुसेना के हैं ना कि प्रधानमंत्री के। इसके अलावा केवल पीएम ही इनका इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि अन्य वीवीआईपी के लिए भी ये उपयोग किए जाएंगे।

राहुल गांधी ने हाल ही में भारत आए वीवीआईपी एयरक्राफ्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने पंजाब में कहा, पीएम मोदी ने हाल ही में 8000 करोड़ रुपए का एयरक्राफ्ट खरीदा, जिसमें 50 बेड हैं। लेकिन राहुल गांधी के इन आरोपों में कितने सच्चाई हैं, इस पर एक नजर डालते हैं-

– बता दें कि इन विमानों को खरीदने की प्रक्रिया यूपीए सरकार में करीब एक दशक पहले शुरू हुई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि शायद यूपीए सरकार की अधिकांश अन्य योजनाओं की तरह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस खरीद की प्रक्रिया को रोकना चाहते थे?

– वहीं मोदी सरकार के आने के बाद इस खरीद की प्रक्रिया को केवल पूरा किया गया है।

-सबसे अहम बात ये है कि यह एयरक्राफ्ट सिर्फ ‘प्रधानमंत्री मोदी’ के लिए नहीं हैं। बल्कि इनका उपयोग अन्य VVIP लोग भी करेंगे। ये एयरक्राफ्ट भारतीय एयरफोर्स के हैं, नाकि प्रधानमंत्री के।

boeing 777

खरीद की प्रक्रिया की समयसीमा पर एक नजर

-VVIP लोगों की यात्रा के लिए दो नए विमान के खरीद की प्रक्रिया साल 2011 में शुरू हुई। उस वक्त ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के निर्देश पर, सचिवों की समिति की एक बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि एक इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप मौजूद विकल्पों पर विचार करेगा, ताकि लंबे वक्त के लिए इस्तेमाल हो सकने वाले वीवीआईपी विमान खरीदे जा सकें।

-इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप की करीब 10 बैठकों के बाद 2012 में सिफारिशें की गईं। इस दौरान दो सिफारिशें की गईं- पहली मौजूदा B777 ईआर को बदला जाए, एयर इंडिया द्वारा आर्डर किए गए विमान (जो अभी तक डिलिवर नहीं हुआ) का इस्तेमाल किया जाए।

-इसके अलावा, कैबिनेट सचिवालय ने अगस्त, 2013 में विमान को भारतीय वायुसेना में स्थानांतरित करने की सिफारिश की। इसके बाद, प्रक्रिया को निष्कर्ष तक लाया गया।