newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

कांग्रेस के किसान अभियान की खुली पोल, पार्टी के नेताओं को ही नहीं पता कब कर दिए किसानों ने 2 करोड़ हस्ताक्षर

congress: एक तरफ जहां आज नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सड़कों पर डटे एक महीना से अधिक पूरा हो गया है। किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का सोमवार को 33 वां दिन है। वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन को लेकर राजनीति जोरों पर है।

नई दिल्ली। एक तरफ जहां आज नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली की सड़कों पर डटे एक महीना से अधिक पूरा हो गया है। किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का सोमवार को 33 वां दिन है। वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन को लेकर राजनीति जोरों पर है। मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस पार्टी कृषि आंदोलन के बहाने लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। इसी के मद्देनजर हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में तीन सदस्यों की टीम ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा था। हालांकि अब कांग्रेस के 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर अभियान की अब पोल खुलती दिख रही है।

Rahul Gandhi

दावा किया गया था कि ये हस्ताक्षर किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ किए है। लेकिन हद तो तब हो गई जब कांग्रेस नेताओं को खुद ही नहीं पता कि यह अभियान कब से कब तक चलाया गया? इसके अलावा, कुछ नेताओं को तो ये भी नहीं पता कि आखिर कितने किसानों ने हस्ताक्षर किए? कौन से किसान इसमें शामिल हुए?

इसी कड़ी में बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा को लेकर सवाल पूछा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले बिहार में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था, लेकिन बीच में विधानसभा चुनाव आ गया, जिसकी वजह से अभियान धीमा पड़ गया। उन्हें यह याद नहीं कि अभियान कब शुरू हुआ और कब खत्म किया गया। इतना ही नहीं उन्होंने विस्तृत जानकारी के लिए प्रदेश प्रवक्ता से पूछने की अनुशंसा कर दी।

Congress

वहीं जब कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा से हस्ताक्षर अभियान को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका जवाब और भी रोचक निकला। अजीत शर्मा ने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई अभियान नहीं चला है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा।

कांग्रेस के मीडिया पैनल के सदस्य एवं विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा, हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। हालांकि उन्हें यह पता नहीं कि हस्ताक्षर का बंडल लेकर दिल्ली कौन गया और कब गया?,  इसके अलावा जब कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर से किसान बिल के खिलाफ हस्ताक्षर को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब हास्यास्पद था। उन्होंने दावा किया कि हस्ताक्षर अभियान लंबे वक्त से चल रहा था परंतु तारीख या महीना याद नहीं है।

यूपी में तो हस्ताक्षर अभियान के नाम पर और बड़ा सियासी खेल रहा कांग्रेस का

अब 2 करोड कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के हस्ताक्षर पत्र का एक और पक्ष देखिए। प्रियंका गांधी वाड्रा यहां बी अपेन आप को अव्वल साबित करने में लगी हैं। कांग्रेस का दावा है कि अकेले यूपी से 50 लाख किसानों ने इस कृषि कानूनों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया है। आपको बता दें कि कांग्रेस के नेताओं को भी नहीं पता कि बिहार की तरह यूपी में कब ये हस्ताक्षर अभियान पार्टी की तरफ से शुरू किए गए और कब इसको समाप्त किया गया। किसान कांग्रेस और युवक कांग्रेस को तो इसका पता भी नहीं है।

Farmers Protest

कांग्रेस के नेता यहां एक दूसरे को लेकर कहते रहे कि शायद कांग्रेस के इस ग्रुप ने इस अभियान को चलाया था लेकिन किसी को ये पता नहीं कि ये हस्ताक्षर अभियान चला कौन रहा था। यूपी कांग्रेस के आला नेता कह रहे थे कि युवक कांग्रेस की तरफ से इस अबियान को चलाया गया और युवक कांग्रेस का कहना है कि ऐसा कोई अभियान उनकी तरफ से चलाया ही नहीं गया।

वहीं किसानों के साथ 29 जिलों की किसान महापंचायत कराने वाले किसान कांग्रेस नेता तरुण पटेल ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी अभियान की जानकारी नहीं है।