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कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने कहा- ‘कोई भी राज्य CAA लागू करने से इनकार नहीं कर सकता’

CAA के खिलाफ दो राज्य प्रस्ताव कर चुके हैं। केरल की लेफ्ट सरकार ने 31 दिसंबर को विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर इस कानून को वापस लेने की मांग की है और अपने राज्य में इसे नहीं लागू करने का फैसला किया है।

नई दिल्ली। जहां नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं ने नागरिकता कानून को लेकर कुछ ऐसा कहा है जिससे कांग्रेस को बैकफुट पर जाना पड़ सकता है। दरअसल संसद से पास हुए इस कानून को लेकर देश के कुछ राज्य आनाकानी कर रहे हैं और CAA ना लागू करने की बात कर रहे हैं।

caa support

आपको बता दें कि पंजाब की कांग्रेस सरकार और केरल की लेफ्ट सरकार ने इस कानून के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया है। इसके अलावा कांग्रेस शासित कुछ और राज्य हैं जो इस कानून को अपने राज्य में लागू ना करने की बात कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि, ‘नागरिकता का मुद्दा केंद्र के अधीन आता है और CAA को लागू करने के अलावा राज्य सरकारों के पास कोई चारा नहीं है।’

Arif Mohammad Khan, Governor Kerala

आरिफ मोहम्मद खान के इस बयान को अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और जयराम रमेश का समर्थन मिला है। कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा था कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से कोई भी राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य ऐसा करता है तो असंवैधानिक होगा।

kapil sibbal 1

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी ऐसा ही बयान दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि जो राज्य ये कह रहे हैं कि वे अपने प्रदेश में CAA लागू नहीं करेंगे, अदालत में उनका ये तर्क टिक पाएगा या नहीं इस बारे में वे सौ फीसदी इत्मीनान नहीं है।

jairam ramesh

बता दें कि CAA के खिलाफ दो राज्य प्रस्ताव कर चुके हैं। केरल की लेफ्ट सरकार ने 31 दिसंबर को विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर इस कानून को वापस लेने की मांग की है और अपने राज्य में इसे नहीं लागू करने का फैसला किया है। केरल सरकार इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गई है। 17 जनवरी को पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी विधानसभा में प्रस्ताव किया और इस कानून को वापस लेने की मांग की। इसी के साथ ही पंजाब CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला दूसरा राज्य बन गया। विधानसभा में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार भेदभाव करने वाले कानून को राज्य में लागू नहीं करेगी।