नई दिल्ली। जहां नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं ने नागरिकता कानून को लेकर कुछ ऐसा कहा है जिससे कांग्रेस को बैकफुट पर जाना पड़ सकता है। दरअसल संसद से पास हुए इस कानून को लेकर देश के कुछ राज्य आनाकानी कर रहे हैं और CAA ना लागू करने की बात कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पंजाब की कांग्रेस सरकार और केरल की लेफ्ट सरकार ने इस कानून के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया है। इसके अलावा कांग्रेस शासित कुछ और राज्य हैं जो इस कानून को अपने राज्य में लागू ना करने की बात कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि, ‘नागरिकता का मुद्दा केंद्र के अधीन आता है और CAA को लागू करने के अलावा राज्य सरकारों के पास कोई चारा नहीं है।’
आरिफ मोहम्मद खान के इस बयान को अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और जयराम रमेश का समर्थन मिला है। कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा था कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से कोई भी राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य ऐसा करता है तो असंवैधानिक होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी ऐसा ही बयान दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि जो राज्य ये कह रहे हैं कि वे अपने प्रदेश में CAA लागू नहीं करेंगे, अदालत में उनका ये तर्क टिक पाएगा या नहीं इस बारे में वे सौ फीसदी इत्मीनान नहीं है।
बता दें कि CAA के खिलाफ दो राज्य प्रस्ताव कर चुके हैं। केरल की लेफ्ट सरकार ने 31 दिसंबर को विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर इस कानून को वापस लेने की मांग की है और अपने राज्य में इसे नहीं लागू करने का फैसला किया है। केरल सरकार इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गई है। 17 जनवरी को पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी विधानसभा में प्रस्ताव किया और इस कानून को वापस लेने की मांग की। इसी के साथ ही पंजाब CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला दूसरा राज्य बन गया। विधानसभा में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार भेदभाव करने वाले कानून को राज्य में लागू नहीं करेगी।