चंडीगढ़। कंगना रानौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को एक तरफ सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट नहीं मिला है। वहीं, अब पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस के मौजूदा लोकसभा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि अगर कंगना रानौत को अपनी फिल्म चलानी है, तो पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी को फिल्म दिखाकर उनसे मंजूरी लेनी होगी। चरणजीत सिंह चन्नी ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि इसके बिना फिल्म चलने नहीं दी जाएगी। चन्नी के इस बयान से राजनीति के गर्माने के आसार हैं।
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि फिल्म में सिख इतिहास का किरदार सही से दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ही फैसला लेगी और उनके सर्टिफिकेट के बाद ही फिल्म चल पाएगी। चन्नी ने कहा कि एसजीपीसी की मंजूरी के बिना कंगना की फिल्म नहीं चलेगी और न चलने दी जाएगी। चन्नी ने फिल्म इमरजेंसी के बारे में कहा कि जहां भी सिख इतिहास दिखाया जाना है, उसके लिए एसजीपीसी को फिल्म दिखाकर मंजूरी लेनी होगी। उन्होंने कहा है कि एसजीपीसी सिखों की सिरमौर संस्था है और उससे मंजूरी लेनी जरूरी है।
चन्नी ने कहा है कि आजादी के बाद पंजाब में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई प्रेम से रहे हैं और राज्य में आज तक दंगा फसाद नहीं हुआ। कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल पुराने पंजाब का हिस्सा हैं और सभी में भाईचारा है। चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि आपसी मेलमिलाप न टूटा है और न टूटने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे कोई भी ताकत तोड़ने की कोशिश करेगी, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। चन्नी ने ये भी कहा कि कंगना रानौत को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि सिमरनजीत सिंह मान की तरह नाराज नहीं होना चाहिए। बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी पहले भी विवादों में घिरे हैं। चन्नी ने लोकसभा के सत्र के दौरान खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को असम की जेल में रखे जाने का मुद्दा भी उठाया था। चन्नी जब पंजाब के सीएम थे, उस वक्त फिरोजपुर जाते वक्त पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई थी। अब चन्नी ने जिस तरह कंगना रानौत की फिल्म इमरजेंसी के प्रदर्शन के लिए एसजीपीसी से मंजूरी लेने की बात कही है, उससे कांग्रेस भी घिर सकती है।