नई दिल्ली। भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प पर 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी द्वारा दिए गये बयान पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे। जिसपर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से सफाई देते हुए कहा गया था कि जिस समय हमारे वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं ऐसे में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है।
सच्चाई को ढकने का एक लचर प्रयास
इस सफाई पर अब कांग्रेस की तरफ से फिर से पटलवार किया गया है। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पीएम मोदी को ‘राजधर्म’ का पालन करना चाहिए। शनिवार शाम में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने PMO की तरफ से दिए गए स्पष्टीकरण पर कहा कि, पीएमओ का बयान सच्चाई को ढकने का एक लचर प्रयास है।
क्या गलवान घाटी भारतीय क्षेत्र का हिस्सा नहीं है?
सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘सबसे पहले प्रधानमंत्री और सरकार को गलवान घाटी को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत है। क्या गलवान घाटी भारतीय क्षेत्र का हिस्सा नहीं है? सरकार गलवान घाटी पर चीन के दावे को पुरजोर ढंग से खारिज क्यों नहीं कर रही है?’’
चीनी घुसपैठ को लेकर सरकार खामोश क्यों?
गलवान घाटी के मुद्दे पर सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ‘‘अगर गलवान घाटी में चीनी सैनिक मौजूद हैं तो क्या यह घुसपैठ नहीं है? पैंगकांग त्सो इलाके में चीनी घुसपैठ को लेकर सरकार खामोश क्यों है?
पीएम राजधर्म का पालन करें
सुरजेवाला ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया बयानों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि वह गंभीरता से राजधर्म का पालन करें राष्ट्रीय सुरक्षा एवं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की चुनौती का मुकाबला करें।’’
किसने क्या कहा
राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र को चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। अगर जमीन चीन की थी तो हमारे जवान क्यों मारे गए, उन्हें किस जगह मारा गया।’
प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयानों के वीडियो शेयर करते हुए तंज किया, ‘‘राजा बोला रात है, रानी बोली रात है, मंत्री बोला रात है, संतरी बोला रात है, यह सुबह सुबह की बात है।’’
पी. चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि, ‘अगर चीन के किसी भी सैनिक ने सीमा पार नहीं की थी तो 5 और 6 मई को क्यों झड़प हुई थी। वहीं 5 और 6 जून को कमांडरों की मीटिंग किस मुद्दे पर थी।’
इन सवालों के जवाब में पीएमओ ने क्या कहा
पीएमओ ने बयान में कहा है कि ‘सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और देशभक्ति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने वहां मौजूद चीनी दावों को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री की टिप्पणी इस संदर्भ में थी कि हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी के बाद एलएसी पर हमारी सीमा के भीतर कोई चीनी मौजूदगी नहीं थी।’
पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि, ‘भारतीय क्षेत्र कितना है यह भारत के नक्शे से स्पष्ट है जिसके प्रति यह सरकार दृढ़ता से संकल्पबद्ध है। कुछ अवैध कब्जे के बारे में सर्वदलीय बैठक में बड़े विस्तार से बताया गया कि पिछले 60 वर्षों में, 43,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक का कब्जा किन परिस्थितियों में किया गया है, जिससे यह देश अच्छी तरह से वाकिफ है। यह भी स्पष्ट किया गया कि यह सरकार एलएसी के एकतरफा परिवर्तन की अनुमति नहीं देगी।’
It was made clear (in yesterday’s all-party meeting) that this Government will not allow any unilateral change of the Line of Actual Control (LAC): Government of India Statement https://t.co/lSHi9L59je pic.twitter.com/wUtZ29oZhH
— ANI (@ANI) June 20, 2020
पीएमओ ने ये भी कहा है कि ‘सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय संकट के समय सरकार और सशस्त्र बलों के प्रति अपार समर्थन मिला। हमें विश्वास है कि प्रोपगैंडा के जरिए भारतीय लोगों की एकता को कम आंकने का प्रयास नहीं किया जाएगा।’