नई दिल्ली। राजस्थान में सचिन पायलट की बगावत को तो किसी तरह संभाल लिया, लेकिन कांग्रेस आलाकमान के सामने पंजाब में पार्टी को बचाने की बड़ी चुनौती आ गई है। सूबे में सरकार की कमान संभाल रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह की एक धमकी कांग्रेस को चलाने वाले गांधी परिवार के माथे पर पसीना ला दिया है। अब उसने बीच का रास्ता खोजने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली बुलाया है। कांग्रेस आलाकमान के सामने पंजाब कितनी बड़ी दिक्कत बन गया है, यह इसी से पता चल रहा है कि गुरुवार देर रात तक कैप्टन अमरिंदर और उनके खिलाफ मोर्चा खोले नवजोत सिंह सिद्धू अपने साथी विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक करते रहे। दोनों के बीच जारी जंग में यह हालात उस वक्त बने, जब खबरें आईं कि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश संगठन की बागडोर सिद्धू को सौंपने जा रहा है।
Congress leader Navjot Singh Sidhu to come to Delhi today. He will meet the party’s interim president Sonia Gandhi at her residence. Party’s general secretary in-charge of Punjab, Harish Rawat will also meet her along with Sidhu.
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— ANI (@ANI) July 16, 2021
सूत्रों के मुताबिक इस खबर के आने के बाद ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन किया। बताया जा रहा है कि कैप्टन ने सोनिया से साफ कह दिया कि अगर सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई, तो पार्टी में टूट होने से कोई नहीं रोक सकेगा। इसके बाद ही सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर ने अपने समर्थक मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की।
पंजाब में सरकार बनने के बाद से ही अमरिंदर और सिद्धू के बीच तनातनी जारी है। सिद्धू लगातार कैप्टन पर आरोपों की बौछार करते रहते हैं। बीते दिनों सिद्धू ने एक इंटरव्यू में बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने अमरिंदर का नाम न लेते हुए कहा था कि पंजाब में दो परिवार बारी-बारी से सरकार चलाने का समझौता कर चुके हैं। दूसरे परिवार से उनका मतलब अकाली दल के बादल परिवार से था।
इसके बाद सिद्धू और कैप्टन एक के बाद एक दिल्ली आए थे और कांग्रेस आलाकमान से मिले थे। बावजूद इसके दोनों के बीच बनी खाई को पाटने में सोनिया, राहुल और प्रियंका नाकाम रहे। नतीजा यह है कि कैप्टन अमरिंदर अब पार्टी आलाकमान को टूट की खुली धमकी दे चुके हैं। वहीं, सिद्धू भी कदम पीछे खींचने के लिए तैयार नहीं हैं।