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ED कार्रवाई पर कांग्रेस का दोहरा चरित्र: दिल्ली में मचाया हाहाकार, वहीं बंगाल में थपथपाई पीठ

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (Bengal Teacher Recruitment Scam) में ममता बनर्जी के करीबी और बंगाल के सीनियर मंत्री पार्थ चैटर्जी को ED की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था और साथ ही उनके करीबी अंकिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ से भी ज्यादा कैश बरामद किया। पहले रेड में 21 करोड़ से ज्यादा की रकम और फिर दूसरे रेड में 28 करोड़ से ज्यादा रकम बरामत किये।

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की देशभर में चर्चा है। दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सतेंद्र जैन की मनी लॉड्रिंग केस में गिरफ्तारी से लेकर सोनिया और राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी और फिर बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चैटर्जी के करीबी के पास से 50 करोड़ रुपये और सोने की बरामदगी… इन सभी बड़े मामलों में इस जांच एजेंसी की भूमिका अहम रही है। हालांकि, कई राजनीतिक दल ईडी पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं लेकिन जो सबसे ज्यादा गौर करने लायक बात है, वो है कांग्रेस का दोहरा रवैया। दिल्ली और बंगाल दोनों जगह ईडी के अधिकारी घोटाले पर लगाम लगाने को प्रयासरत हैं, लेकिन दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का हाहाकार और बंगाल में ममता सरकार पर वार, कांग्रेस पार्टी के दोहरे मापदंड को साफ दर्शाता है।

गौरतलब है कि बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले (Bengal Teacher Recruitment Scam) में ममता बनर्जी के करीबी और बंगाल के सीनियर मंत्री पार्थ चैटर्जी को ED की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था और साथ ही उनके करीबी अंकिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ से भी ज्यादा कैश बरामद किया। पहले रेड में 21 करोड़ से ज्यादा की रकम और फिर दूसरे रेड में 28 करोड़ से ज्यादा रकम बरामत किये। इस  पर कांग्रेस ने ममता सरकार को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ी और घोटालेबाजों पर एक्शन को लेकर ईडी की पीठ भी थपथपाई। अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी प्रमुख को पत्र लिखकर तुरंत प्रभाव से पार्थ चैटर्जी को बर्खास्त करने की मांग भी की।

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लेकिन वहीं जब ईडी के अधिकारियों ने सोनिया और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए दफ्तर तलब किया तो कांग्रेसियों ने राजधानी में कहर बरपा दिया। जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लेकर नेता और मंत्री सभी ने सड़क पर कूच किया और ईडी का पुरजोर विरोध किया। जब राहुल की पूछताछ चली तो उनके समर्थन में कांग्रेस के कई मुख्यमत्रियों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया तो वहीं जब सोनिया गांधी की बारी आई तो क्या नेता और क्या मंत्री, बड़े से बड़े सांसद और मंत्री दिल्ली की सड़कों पर उतर आए और गिरफ्तारी दी। जानकारी हो कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी दोनों पर ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार मामले में मनी ल़ॉन्ड्रिंग करने का आरोप है और इसी सिलसिले में ईडी ने दोनों से कई दौर की पूछताछ की है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब जांच एजेंसियां आरोपियों और घोटालोबाजों की धर-पकड़ में जुटी है तो कांग्रेस पार्टी सहयोग की बजाय टकराव को तैयार क्यों खड़ी है।