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Congress President Mallikarjun Kharge Gave Advice To Party Leaders : राहुल गांधी के ‘खटाखट’ वादों से उलट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं को दी नसीहत

Congress President Mallikarjun Kharge Gave Advice To Party Leaders : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने नेताओं और कांग्रेस शासन वाले राज्यों को सलाह दी है कि वो जनता से सिर्फ उस बात का वादा करें जिसको पूरा कर सकें अन्यथा सरकार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चुनावी वादे ‘खटाखट-खटाखट’ से उलट अब उन्हीं की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने नेताओं और कांग्रेस शासन वाले राज्यों को सलाह दी है कि वो जनता से सिर्फ उस बात का वादा करें जिसको पूरा कर सकें अन्यथा सरकार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। दरअसल महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर चर्चा करते हुए खड़गे ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई पांच गारंटियों का जिक्र किया। खड़गे ने पार्टी नेताओं से कहा कि अगर बजट को ध्यान में रखे बिना योजनाओं की गारंटी देंगे तो इससे सरकार दिवालिएपन की तरफ जा सकती है।

एक तरफ तो कांग्रेस का चेहरा राहुल गांधी खुद चुनाव के दौरान लोगों से वादा करते हैं कि अगर कांग्रेस सरकार बनी तो तमाम योजनाओं के तहत लोगों के बैंक खातों में खटाखट पैसा आएंगे और दूसरी तरफ अब राष्ट्रीय अध्यक्ष कुछ और ही नसीहत दे रहे हैं। आपको बता दें कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने भी चुनाव से पहले तमाम गारंटियां दी थीं मगर फिलहाल हिमाचल सरकार के आगे वित्तीस संकट खड़ा हुआ है। पिछले महीने राज्य सरकार के कर्मचारियों को वेतन और पूर्व कर्मचारियों की पेंशन देने में सरकार के पसीने छूट गए, कई दिन इंतजार के बाद उनके खातों में पैसा आया।

दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार भी अपनी गारंटियों को पूरा करने के चक्कर में आर्थिक बोझ के तले दबी हुई है। ऐसा बताया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार अगर चुनावी घोषणा पत्र की पांचों गारंटियों को पूरा करती है तो इससे सरकार का राजस्व घाटा 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने नए विकास कार्यों के लिए पैसा देने से मना कर दिया था उन्होंने इसके पीछे पुराने वादों को पूरा करने में अत्यधिक धन व्यय होने की बात कही थी।