नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम मंदिर पर दिए विवादित बयान को लेकर विपक्ष दलों के निशाने पर है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और बसपा प्रमुख मायावती ने सपा नेता के बयान की कड़ी आलोचना की है। विवादों में घिरने के बाद भी स्वामी प्रसाद के तेवर नरमी आती नहीं दिख रही है। सपा नेता अभी भी अपने बयान पर अड़े हुए है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के लोग साजिश के तहत निरंतर मस्जिद-मंदिर मामले को उठाकर हर मस्जिद में मंदिर खोजने की बात करेंगे। ये परंपरा उनको महंगी पड़ेगी। क्योंकि ये हर मस्जिद में मंदिर खोजेंगे। तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ ढूंढना शुरू कर देंगे। क्योंकि ऐतिहासिक साक्ष्य, गवाह और तथ्य इसके एक उत्तम प्रमाण है। जितने भी हिंदू तीर्थ स्थल बनाए गए है। ये सभी पहले बौद्ध मठ थे। 8वीं सदी की शुरुआत में बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बद्रीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताने के बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है। खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कड़ी आलोचना की थी। सीएम धामी ने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस गठबंधन के साथी है ये स्वाभाविक है कि इस प्रकार का उनका बयान आनी ही था। वहीं सीएम धामी के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज फिर बयान दिया है।
सपा नेता ने कहा, ”सीएम धामी ने कहा था स्वामी प्रसाद ने हमारी आस्था को कही ना कही अपने बयान से प्रभावित किया है। मैं उत्तराखंड के सीएम यही कहना चाहता हूं कि सबकी आस्था महत्व रखती है। आपकी आस्था अगर आस्था है तो अन्य धर्मावलंबियों और पंत के लोगों की भी आस्था है। अगर आपको अपनी आस्था की चिंता है तो दूसरे की आस्था की भी चिंता होनी चाहिए।”
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— ABP News (@ABPNews) July 30, 2023