Balasore Train Accident: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कोरोमंडल ट्रेन हादसा, ट्रेनों के कवच सिस्टम को लेकर दायर हुई याचिका, जांच कमेटी बनाने की मांग

Balasore Train Accident: सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में इसके साथ ही पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाने की मांग की गई है। इसके अलावा, रेलवे सुरक्षा को लेकर भी पूर्व जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी बनाने का भी अनुरोध किया गया है। इस हादसे में 1000 से भी अधिक लोग घायल हुए हैं, जिसमें काफी लोग गंभीर रूप से भी घायल बताए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक करीब 100 लोगों को जो गंभीर रूप से घायल हैं, क्रिटिकल केयर की आवश्यकता है।

Avatar Written by: June 4, 2023 1:01 pm
Supreme Court

नई दिल्ली। देशभर में शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर चर्चाएं हैं। नेता शोक जता रहे हैं, सरकार जांच कराने की बात कर रही है और अपनों को खो चुके परिवार गमगीन हैं। लेकिन इसके बाद भी अबतक इस दुर्घटना के आरोपी कौन हैं ये पता नहीं चल सका है। आखिर कैंची को लूप की तरफ किसने खुला छोड़ा, जिससे पटरी पर लूप में खड़ी मालगाड़ी से जाकर कोरोमंडल एक्सप्रेस 120Km/h से भी अधिक गति से जाकर टकरा गई। हादसे में करीब 280 से अधिक लोगों ने जान गंवा दी। 100 शव लावारिश पड़े हैं उन्हें कोई लेने तक नहीं आया। इस घटना ने दुनिया को हिला कर रख दिया है, इसके साथ ही कुछ सवाल भी खड़े होते हैं कि आखिर 21वीं सदी में जहां दुनियाभर में कहीं भी ऐसी घटनाएं नजर नहीं आती हैं वहीं भारत में इतना बड़ा एक्सीडेंट हुआ कैसे ? जिस सुरक्षा कवच के चलते यात्रियों की सुरक्षा का दावा सरकार कर रही थी वो कवच कहां था जब ये दुर्घटना घटी।

Balasore Train Accident

इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए बालासोर रेल हादसे की जांच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में विशाल तिवारी नाम के एक वकील ने मामले को लेकर याचिका दायर की है। इस याचिका में दुर्घटना से बचाने वाले ‘कवच’ सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की डिमांड रखी है। रेलवे ने तो अबतक 2000 से कुछ अधिक किलोमीटर के ट्रैक में ही कवच सिस्टम को लगाया है, जबकि भारतीय रेलवे 68000 Km से भी ज्यादा क्षेत्र में फैली हुई है। ऐसे में अगर इसी गति से कवच सिस्टम को लेकर कार्य होता रहा तो काफी साल लगेंगे और आगे भी ऐसी घटनाएं न घटे इसको लेकर कोई तंत्र नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में इसके साथ ही पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाने की मांग की गई है। इसके अलावा, रेलवे सुरक्षा को लेकर भी पूर्व जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी बनाने का भी अनुरोध किया गया है। इस हादसे में 1000 से भी अधिक लोग घायल हुए हैं, जिसमें काफी लोग गंभीर रूप से भी घायल बताए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक करीब 100 लोगों को जो गंभीर रूप से घायल हैं, क्रिटिकल केयर की आवश्यकता है। इन लोगों को आगे के इलाज के लिए दिल्ली एम्स, लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल और RML हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

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