नई दिल्ली। देश में कोरोना की रफ्तार पहले से कुछ बढ़ी दिखाई दे रही है। पहली, दूसरी और तीसरी लहर में तबाही मचाने वाला कोरोना अगर शांत हो पाया तो उसकी सबसे बड़ी वजह है कोरोना वैक्सीन जिसने भारत समेत दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान बचाई। लेकिन हमारे देश में राजनीति ने कोविड वैक्सीन को भी नहीं बख्शा। आपको याद होगा जब बीते साल जनवरी में देश में वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई थी, तब अखिलेश यादव, शशि थरूर और कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियों के विपक्षी नेताओं ने भी वैक्सीन पर सवाल उठाए थे और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तो इस वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन करार देते हुए इसे लगवाने से साफ इनकार कर दिया था लेकिन अब एक ऐसी स्टडी सामने आई है जो इन तमाम नेताओं और बुद्धिजीवियों की आंखें खोलकर रख देगी। इसलिए आप से गुजारिश है कि इस वीडियो को इतना शेयर करें कि ये उन विपक्षी नेताओं तक पहुंच जाए।
दरअसल, इंग्लिश रिसर्च पत्रिका लैंसेट की एक स्टडी में ये तथ्य सामने आया है कि कोरोना संकट के दौरान वैक्सीन ने दुनियाभर में करीब 2 करोड़ संभावित मौतों को रोका है और केवल इतना ही नहीं लैंसेट स्टडी ने भारत में आए कोविड संकट पर कहा है कि कोरोना वैक्सीन ने यहां करीब 42 लाख लोगों की जान बचाई नहीं तो कोरोना वायरस इन लोगों की भी जान ले लेता और आज ये 42 लाख लोग हमारे बीच नहीं होते।स्टडी में दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों को शामिल किया गया है। ये शुरुआती वक्त था और इसी वक्त कोविड वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी।
स्टडी में यह भी कहा गया है कि अगर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के टारगेट को पूरा कर लिया जाता तो दुनियाभर में 5,99,300 और ज़िंदगियां बचाई जा सकती थीं। असल में, WHO ने टारगेट सेट किया था कि 2021 के खत्म होने तक दुनिया के हरेक देश में 40 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन की एक या दो खुराक लगा दी जाएं। हालांकि, कई वजहों से ऐसा नहीं हो पाया था। ये स्टडी लंदन के इंपीरियल कॉलेज ने की है। इसके प्रोफेसर Oliver Watson ने बताया कि ये मॉडलिंग स्टडी बताती है कि कोविड वैक्सीनेशन की वजह से भारत में लाखों जिंदगियां बचीं। उनके मुताबिक, टीकाकरण का बेहद अच्छा असर देखने को मिला वो भी खासकर भारत में क्योंकि ये पहला ऐसा देश था जहां डेल्टा वैरिएंट ने कोहराम मचाया था।
अब बात अगर मौजूदा स्थिति की करें तो भारत में कोरोना के 196 करोड़ से भी ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं। वहीं आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना की वजह से अबतक पांच लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। स्टडी में ये भी देखा गया कि वैक्सीन का असर बदलते वक्त और बदलते इलाके या देश के हिसाब से अलग-अलग रहा। स्टडी के मुताबिक, साल 2021 जब आधा बीत चुका था, तब वायरस ने विकसित देशों में तबाही मचाई क्योंकि तब वहां कोविड के कारण लगी पाबंदियों को कम किया गया था जिसकी वजह से वायरस का ट्रांसमिशन बेहद आसान हो गया था।