नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आज दिल्ली की एक अदालत ने हत्या के आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने टाइटलर पर हत्या के अलावा दंगा भड़काना, जबरन घर में घुसना, दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और चोरी के आरोप भी तय करने का आदेश दिया है। केस की अगली सुनवाई अब 3 अक्टूबर को होगी। इससे पहले 30 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना था कि टाइटलर के खिलाफ हत्या का केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
STORY | Anti-Sikh riots case: Delhi court frames charges of murder against Tytler
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— Press Trust of India (@PTI_News) September 13, 2024
सीबीआई ने इस मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ पिछले साल मई 2023 को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई की इस चार्जशीट के मुताबिक, दंगे के एक गवाह ने आरोप लगाया था कि जगदीश टाइटलर 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारा के सामने एक सफेद रंग की एंबेसडर कार से बाहर निकले। इसके बाद उन्होंने भीड़ को उकसाते हुए कहा, सिखों को मारो, उन्होंने हमारी मां को मारा है। इसके बाद लोग भड़क गए और उन्होंने गुरुद्वारे में आग लगा दी। इस हिंसा में तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह मारे गए थे।
कभी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे जगदीश टाइटलर साल 2004 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री थे। हालांकि इसी मामले के चलते विरोध के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। टाइटलर को सिख दंगा मामले में एक नहीं बल्कि तीन बार सीबीआई की तरफ से क्लीन चिट भी मिल चुकी है, मगर हर बार अदालत ने सीबीआई को क्लीन चिट को खारिज करते हुए नए सिरे से जांच के आदेश दिए। इसी के चलते नतीजा यह हुआ कि इतने सालों बाद अब जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या के आरोप तय हुए हैं।