
देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में लोग हैरान, परेशान हैं। उनकी रातों की नींद उड़ गई है। वजह है अचानक मकानों में दरार आना, सड़क धंसना और कई जगह अचानक पानी के सोते फूटना। लोग उत्तराखंड सरकार से खुद के मकान और जीवन को बचाने की गुहार लगा चुके हैं। उत्तराखंड सरकार भी ऐसे लोगों की हरसंभव मदद करने के लिए आगे आई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जोशीमठ के लोगों की पूरी मदद की जाएगी। वो खुद जोशीमठ पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे। अब तक यहां से 29 परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाया गया है। इसके अलावा दरार पड़ने के बाद खतरे को देखते हुए 2 होटल भी बंद करा दिए गए हैं।
जोशीमठ को लेकर मुख्यमंत्री @pushkardhami का बड़ा बयान। ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।#SaveJoshimath #जोशीमठ_बचाओ pic.twitter.com/Y7QG3o0ooT
— Ramesh Bhatt (@Rameshbhimtal) January 5, 2023
जोशीमठ में पिछले कुछ महीनों से लगातार ऐसी घटना हो रही है। अचानक मकानों में दरार पड़ रही है। 561 मकानों में अब तक दरार पड़ चुकी है। कई जगह अचानक मकानों के नीचे से पानी के सोते फूट पड़े हैं। तेज पानी के इन सोतों की वजह से लोग डरे हुए हैं। मकानों में दरारें भी चौड़ी होती जा रही हैं। जोशीमठ से होकर ही चार धाम में शामिल बदरीनाथ का रास्ता जाता है। मशहूर पर्यटन स्थल औली भी पास में ही है। यहां इस वजह से पर्यटन के व्यवसाय से काफी लोग जुड़े हैं। इनको अपनी जान के साथ रोजी-रोटी की चिंता भी लगातार सता रही है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में समीक्षा बैठक भी की है। जोशीमठ के लोगों की जिंदगी और उनके घरों और दुकानों को बचाने के लिए कदम उठाने के बारे में इस बैठक में चर्चा हुई। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट CBRI के मुताबिक जोशीमठ में भूस्खलन की वजह से मलबा काफी है। इसी मलबे पर ज्यादातर घर और होटल-दुकान बनाए गए हैं। मलबा खिसकने की वजह से दरारें आ रही हैं और इनके नीचे बहने वाला पानी सोतों के रूप में फूट रहा है।