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CPI: आपराधिक प्रक्रिया बिल हुआ राज्यसभा से पास, मंजूरी के लिए भेजा जाएगा राष्ट्रपति के पास

Criminal Procedure Bill : इस वक्त की बड़ी खबर है कि आपराधिक प्रक्रिया बिल को राज्यसभा को पास कर दिया गया है। अब इस मंजूरी हेतु राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। कुछ दिनों पहले ही बिल को लोकसभा से पारित किया गया था। 

नई दिल्ली। इस वक्त की बड़ी खबर है कि आपराधिक प्रक्रिया बिल को राज्यसभा को पास कर दिया गया है। अब इस मंजूरी हेतु राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। कुछ दिनों पहले ही बिल को लोकसभा से पारित किया गया था। अब ऐसे में अगर इस पर राष्ट्रपति की तरफ से अंतिम मुहर लग जाती है तो विधिक कार्यविधियों में क्या कुछ परिवर्तन हमें देखने को मिलेंगे। आइए, इसके बारे मे हम आपको विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले यह विधयेक है क्या, जो  अब लोकसभा के बाद राज्यसभा से पारित हुआ है।

जानिए क्या है बिल? 

Criminal Procedure Identification बिल 2022 मौजूदा कानून प्रिज़नर्स एक्ट, 1920 को निरस्त कर देगा। प्रिजनर्स एक्ट 1920 सिर्फ अपराधियों और आरोपियों के फिंगर प्रिंट और फुट प्रिंट का रिकॉर्ड रखने की इजाजत देता है। दूसरा पॉइंट, ये बिल हिरासत में लिए गए आरोपियों और दोषियों के सभी तरह के माप लेने की इजाजत देता है। तीसरा पॉइंट, बिल के प्रावधानों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए लोग या गिरफ्तार किए गए आरोपी और दोषी को पुलिस अधिकारी या जेल अधिकारी को अपनी पहचान से जुड़े सभी माप देना जरूरी होगा। चौथा पॉइंट, बिल के कानून की शक्ल ले लेने के बाद आरोपियों और दोषियों के रेटिना, फोटो, फिंगर प्रिंट, हथेलियों के प्रिंट, फुटप्रिंट और बायोलॉजिकल सैंपल लिए जा सकेंगे। पांचवा पॉइंट, फिजिकल और बायोलॉजिकल रिकॉर्ड के अलावा दोषियों और आरोपियों की हैंडराइटिंग और सिग्नेचर का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।

Home Minister Amit Shah to make statement in Parliament

उन्होंने कहा कि इस बिल के फायदे गिनाते हुए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने बताया कि अब न सिर्फ तकनीकी और वैज्ञानिक बदलाव हो रहे हैं, बल्कि अपराध भी बढ़ रहे हैं इसलिए नया बिल लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नया कानून जांच एजेंसियों की न सिर्फ मदद करेगा, बल्कि इससे कन्विक्शन रेट भी बढ़ने की उम्मीद है। बहरहाल, इससे कन्विक्शन रेट बढ़े या न बढ़े लेकिन फिलहाल इससे सदन के भीतर हंगामा जरूर बढ़ता दिख रहा है। हालांकि, अब  संसद में तमाम गतिरोधों के बाद यह बिल संसद के दोनों ही सदनों से पारित हो चुका है और अब इसे राष्ट्रपति के समक्ष अंतिम मंजूरी हेतु भेजा गया है। ऐसे में बतौर पाठक आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।