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Karhal Dalit Girl Murder Case: यूपी के करहल में दलित युवती की हत्या, घरवालों का आरोप- उप चुनाव में सपा को वोट न देने की बात कहने पर ली गई जान; बीजेपी ने बनाया मुद्दा

Karhal Dalit Girl Murder Case: यूपी में बुधवार को 9 विधानसभा सीटों के उप चुनाव के लिए वोटिंग हुई। इनमें मैनपुरी की करहल सीट भी है। करहल विधानसभा सीट पर उप चुनाव के दौरान एक दलित युवती की हत्या हुई। दलित युवती के घरवालों ने हत्या का आरोप समाजवादी पार्टी के लोगों पर लगाया है। बीजेपी ने इस मामले को मुद्दा बनाकर समाजवादी पार्टी को घेरा है।

मैनपुरी। यूपी में बुधवार को 9 विधानसभा सीटों के उप चुनाव के लिए वोटिंग हुई। इनमें मैनपुरी की करहल सीट भी है। करहल विधानसभा सीट पर उप चुनाव के दौरान एक दलित युवती की हत्या हुई। दलित युवती के घरवालों ने हत्या का आरोप समाजवादी पार्टी के लोगों पर लगाया है। युवती के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी ने समाजवादी पार्टी की जगह बीजेपी को वोट देने की बात कही थी। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के लोगों ने उसकी जान ले ली। इस मामले ने बीजेपी को अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के खिलाफ मुद्दा दे दिया। बीजेपी ने कहा कि सपा का नारा- साइकिल को नहीं देंगे वोट, तो गला देंगे घोंट। बीजेपी ने कहा कि करहल में दलित बेटी की सपाई ने निर्मम हत्या की।

करहल में दलित युवती की हत्या का मामला बीजेपी ने जोरशोर से उठाया है। ऐन वोटिंग से पहले हुई हत्या के मुद्दे को यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए उठाया। यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने एक्स पर लिखा कि करहल में सपाई प्रशांत यादव ने साथियों के साथ मिलकर दलित बेटी की हत्या कर दी। सिर्फ इस वजह से कि उसने साइकिल पर वोट देने से मना कर दिया था। भूपेंद्र चौधरी ने एक और ट्वीट कर इस मामले में समाजवादी पार्टी का नाम लिया। उन्होंने दलित बेटी के साथ मौत का भयंकर खेल भी बताया। दोनों अलग-अलग एक्स पोस्ट में भूपेंद्र चौधरी ने जान गंवाने वाली दलित युवती के पिता और मां के बयानों का वीडियो भी जारी किया।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यूपी की जनता ने इनके इसी गुंडई और दबंगई की वजह से इन्हें (समाजवादी पार्टी को) सत्ता से कोसों दूर रखा है। बता दें कि यूपी की विधानसभा सीटों के उप चुनाव के प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी समाजवादी पार्टी के खिलाफ नारा दिया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘जहां दिखे सपाई वहां बेटी घबराई’। यूपी में साल 2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे, तब बीजेपी ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की सत्ता के दौरान कानून और व्यवस्था की बिगड़ी हालत और महिलाओं के रेप के मुद्दे उठाए थे और चुनाव जीता था। 2022 में भी विधानसभा चुनाव के वक्त योगी आदित्यनाथ ने यूपी की जनता से कहा था कि वो समाजवादी पार्टी को सत्ता न सौंपे, ताकि वैसे ही पुराने अपराध वाले दिन वापस न आएं। हालांकि, इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ लेकर समाजवादी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में यूपी की 37 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि, बीजेपी को 33 सीटें ही हासिल हुई थीं।