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India Deployed Nuclear Missiles: चीन के खिलाफ भारत ने तैनात की थीं परमाणु मिसाइलें, वेबसाइट का दावा

स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड के पास ही भारत के परमाणु बम और उनको ले जाने वाली मिसाइलों की जिम्मेदारी है। ये कमांड दुश्मन पर हमला करने के लिए पीएम, रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाली एक परिषद से मंजूरी लेता है। अग्नि और के-9 मिसाइलों से भारत परमाणु हमले कर सकने में सक्षम है।

नई दिल्ली। चीन के साथ भारत का तनाव जारी है। अब खबर ये आ रही है कि गलवान घाटी के संघर्ष के बाद भारत ने चीन की तरफ से किसी भी तरह के हमले का जवाब देने की माकूल व्यवस्था की थी। इस व्यवस्था के तहत भारत के स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड ने अग्रिम इलाकों में परमाणु मिसाइलों को तैनात किया था। रक्षा संवाददाता नीरज राजपूत ने ‘यूरेशियन टाइम्स’ में इस बारे में जानकारी दी है। नीरज राजपूत ने बताया है कि भारत-चीन तनाव के चरम पर रहते वो अग्रिम इलाकों में गए थे। वहां एक जगह उनको स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड के अधिकारी दिखे। इससे अंदाजा हुआ कि भारत ने चीन के खिलाफ परमाणु हथियार वाली मिसाइलें तैनात की थीं।

स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड के पास ही भारत के परमाणु बम और उनको ले जाने वाली मिसाइलों की जिम्मेदारी है। ये कमांड दुश्मन पर हमला करने के लिए पीएम, रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाली एक परिषद से मंजूरी लेता है। भारत के पास दुश्मन के नापाक इरादों से परमाणु हमले के जरिए निपटने के लिए अग्नि मिसाइलें हैं। इन मिसाइलों से 5000 किलोमीटर तक के इलाके में परमाणु बम दागे जा सकते हैं। इनके अलावा भारत के पास परमाणु पनडुब्बी भी है। इनमें लगीं के-9 मिसाइलों से 3000 किलोमीटर दूर दुश्मन पर परमाणु बम से हमला किया जा सकता है।

India-China Clash.

भारत ने साल 1974 में पहली बार पोकरण में परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद साल 2008 में भारत ने एक बार फिर पोकरण में परमाणु परीक्षण किया था। जिसके बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को परमाणु ताकत घोषित किया। भारत ने हमेशा कहा है कि वो परमाणु बम से हमले की पहल नहीं करेगा। अगर दुश्मन ने ऐसी हिमाकत की, तो उसे मटियामेट कर दिया जाएगा। माना जाता है कि भारत के पास 150 से ज्यादा परमाणु बम हैं।