नई दिल्ली। चीन के साथ भारत का तनाव जारी है। अब खबर ये आ रही है कि गलवान घाटी के संघर्ष के बाद भारत ने चीन की तरफ से किसी भी तरह के हमले का जवाब देने की माकूल व्यवस्था की थी। इस व्यवस्था के तहत भारत के स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड ने अग्रिम इलाकों में परमाणु मिसाइलों को तैनात किया था। रक्षा संवाददाता नीरज राजपूत ने ‘यूरेशियन टाइम्स’ में इस बारे में जानकारी दी है। नीरज राजपूत ने बताया है कि भारत-चीन तनाव के चरम पर रहते वो अग्रिम इलाकों में गए थे। वहां एक जगह उनको स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड के अधिकारी दिखे। इससे अंदाजा हुआ कि भारत ने चीन के खिलाफ परमाणु हथियार वाली मिसाइलें तैनात की थीं।
Did India Deploy Strategic Nuclear Weapons To Deter Chinese PLA Along The Disputed LAC?
On the 15th anniversary of ‘Operation Shakti,’ India’s Ministry of Defence (MoD) issued a statement for the ‘exemplary performance’ of SFC during 2021-22, when India was at loggerheads with…
— EurAsian Times (@THEEURASIATIMES) May 15, 2023
स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड के पास ही भारत के परमाणु बम और उनको ले जाने वाली मिसाइलों की जिम्मेदारी है। ये कमांड दुश्मन पर हमला करने के लिए पीएम, रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाली एक परिषद से मंजूरी लेता है। भारत के पास दुश्मन के नापाक इरादों से परमाणु हमले के जरिए निपटने के लिए अग्नि मिसाइलें हैं। इन मिसाइलों से 5000 किलोमीटर तक के इलाके में परमाणु बम दागे जा सकते हैं। इनके अलावा भारत के पास परमाणु पनडुब्बी भी है। इनमें लगीं के-9 मिसाइलों से 3000 किलोमीटर दूर दुश्मन पर परमाणु बम से हमला किया जा सकता है।
भारत ने साल 1974 में पहली बार पोकरण में परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद साल 2008 में भारत ने एक बार फिर पोकरण में परमाणु परीक्षण किया था। जिसके बाद तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को परमाणु ताकत घोषित किया। भारत ने हमेशा कहा है कि वो परमाणु बम से हमले की पहल नहीं करेगा। अगर दुश्मन ने ऐसी हिमाकत की, तो उसे मटियामेट कर दिया जाएगा। माना जाता है कि भारत के पास 150 से ज्यादा परमाणु बम हैं।